केंद्र सरकार ने सितंबर के महीने में जेईई और नीट की परीक्षाओं को आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी सड़कों पर उतर आई है और कोरोना महामारी के बीच परीक्षा आयोजित करने को छात्रों की सेहत के साथ खिलवाड़ बता रही है। शुक्रवार को कांग्रेस ने देश भर में प्रदर्शन किया जिसका खासा असर हिमाचल प्रदेश के शिमला औऱ ऊना में देखने को मिला। कांग्रेस ने कई जगहों पर धरना दिया और स्थिति न सुधरने तक परिक्षाएं न करवाने की मांग की।
ऊना में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि माना की परिक्षाएं छात्रों के लिए हैं लेकिन देश में वायरस के चलते दिन-ब-दिन बिगड़ते हालात न सिर्फ छात्र बल्कि उनके अभिभावकों तक के लिए घातक हो सकता है। कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हैं, बस सेवा, रहने के लिए जगह नहीं है तो छात्र ऐसे हालातों में कैसे परिक्षाएं देंगे। कोरोना महामारी में ये संक्रमण के चलते छात्रों के हित में सरकार को फैसला लेना चाहिए। सरकार अपनी मर्जी से चली आ रही है।
साथ ही उन्होंने मंत्रियों के विभागों में हुए फेरबदल औऱ मंत्री पर चल रही जांच पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ताश की तरह फेंटे गए मंत्रियों के मामलों पर मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या मुख्यमंत्री मंत्रियों के कामकाज संतुष्ट नहीं थे, जिसके चलते ये फेरबदल किया। आज जयराम सरकार के मंत्रियों पर आरोप लग रहे हैं जिसपर वे जवाब नहीं देना चाहते। इन दोनों मुद्दों को विधानसभा में जोरो शोरों से उठाया जाएगा।
शिमला में राठ़ौर ने संभाली कमान
वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण देश और प्रदेश में सभी शिक्षण संस्थान बंद है। छात्रों की पढ़ाई नहीं हो पाई है क्योंकि दूरदराज के क्षेत्रों में बिजली और इंटरनेट की सुविधा छात्रों को सही तरह से नहीं मिल पाई है। कोरोना महामारी का प्रकोप प्रदेश और देश मे बढ़ता जा रहा है। अभिभावक और छात्र परीक्षाओं को करवाने के पक्ष में नहीं है। ऐसे में सरकार छात्रों के स्वास्थ्य के साथ जबरदस्ती खिलवाड़ करके परीक्षाएं करवाने पर तुली हुई है जिसके खिलाफ आज कांग्रेस ने यह प्रदर्शन किया है।