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‘पीड़ित परिवारों को मुआवज़ा देकर उनके दुख़ों को भुला देती है सरकार’

डेस्क |

शिमला बस हादसे में 2 बच्चों और 1 ड्राइवर की मौत हो गई। प्रदेश के मुख़िया अस्पताल में पहुंचे, बच्चों का हाल जाना, मुआवज़ा और फ़िर जांच करवाने की रस्म अदायगी। जांच होगी या नहीं… इसका तो पता नहीं लेकिन इन मौतों पर राजनीतिक रंग चढ़ना लाज़मी है। कांग्रेस नेताओं ने एक के बाद एक सरकार को कटघरे में खड़ा किया और उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।

अब एक बार फ़िर कांग्रेस प्रवक्ता प्रेम क़ौशल ने शिमला बस हादसे में सरकार पर सवाल ख़ड़े किये हैं। उन्होंने कहा कि ये हादसा सरकार की लापरवाही का है। नूरपुर बस हादसे से शुरू ये सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा और सरकार इन बस हादसों को रोकने के कोई प्रभावी कदम उठाने में या नीति बनाने में फ़ेल रही है। परिवारों को संवेदनाएं और मुआवज़ा देकर दुर्घटना को भुला दिया जाता है और यहां भी वही होने वाला है।

परिवहन मंत्री का सचिवालय में बैठे रहने पर कौशल ने कहा कि मुख्यमंत्री को ऐसे असंवेदनशील मंत्री को एक पल भी अपने मंत्रीमंडल में नहीं रखना चाहिए। हादसे के लिए जो भी दोषी हैं उन्हें तुरंत सख़्त कार्रवाई करते हुए निकालना चाहिए।