लॉकडाउन और कर्फ्यू के कारण देश में लगभग 12 करोड़ लोग बेरोजगार हुए हैं। खास कर प्रवासी मजदूर बेरोजगार हुए हैं और सीपीएम शिमला ने केंद्र सरकार के खिलाफ अपने कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। धरना देते हुए माकपा ने केंद्र से इनकम टैक्स के दायरे से बाहर आने वाले लोगों को 7500 महीना सीधा खाते में अगले 6 महीने के लिए डालने को कहा। साथ ही मनरेगा के तहत 200 दिन मजदूरों को काम दिया जाए और शहरी क्षेत्र में भी रोजगार गारंटी योजना शुरू की जाए ताकि बेरोजगारों को रोजगार मिल सके।
सीपीआईएम शिमला राज्य सचिवालय सदस्य संजय चौहान ने बताया कि केंद्र सरकार ने लगातार श्रम कानूनों में बदलाव कर रही है जिससे मजदूरों का अधिकार मारे जा रहे है और पूंजीपतियों को फायदा हो रहा है। सीपीआईएम ने पीडीएस के माध्यम अगले 6 महीने तक प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज फ़्री में देने की मांग की है ताकि लोगों को भुखमरी का शिकार न होना पड़े। इसके अलावा केंद्र सरकार की तरफ से 20 लाख करोड़ की आर्थिक राहत पर भी सवाल खड़े किए हैं और सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में देने के आरोप भी केंद्र सरकार पर लगाये हैं।
सीपीआईएम ने देश भर में आज धरने प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से मुख्य 5 मांगों को पूरा करने की मांग की है अगर सरकार ने जल्द मांगो को पूरा नही किया तो भविष्य में बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा