हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में सीनियर ही नहीं, जूनियर लीडरों के बीच भी अंतर्कल की तलवार खिंची पड़ी है। अब तो कुछ नेता सरेआम ही प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने हाथापाई पर उतारू हो रहे हैं। जी हां, ऐसा ही कुछ वाक्या शुक्रवार को डाडासीबा में कांग्रेस के हिसाब दे सांसद, जवाव दे सांसद अभियान में देखने को मिला।
यहां कांग्रेस प्रत्याशी सुरिंद्र सिंह मनकोटिया और संजीव कालिया अचानक आपस में भिड़ गए। मनकोटिया ने मंच से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इसकी शुरुआत की और कहा कि जो अपने आप को कांग्रेसी बताते हैं, उनकी फोटो बिक्रम के साथ उन्होंने देखी है तथा उनके पास पुख़्ता सबूत भी हैं। इस भाषण संजीव कालिया भड़क उठे और सीधे में चले गए और जोश के साथ मनकोटिया को सीमा में रहने की सलाह दी। यदि कुछ पार्टी नेता बीच में नहीं पड़ते तो मानों तो की बात हाथापाई तक पहुंच जाती।
वहीं, प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह भी स्टेज पर मौजूद थे और उन्होंने सारे मामले को शांत करवाया। काफी देर तक इस बात को लेकर हुलड़बाजी होती रही और आख़िर में मनकोटिया ने पीसीसी चीफ से माफी मांगी और मामले को शांत करवाया। बताया जा रहा है कि संजीव कालिया मनकोटिया के साथ भिड़ने के मूड में आए थे, लेकिन कुछ नेताओं के रोकने पर उन्होंने पब्लिक प्लेस में शांत रहना ही ठीक समझा।
ग़ौरतलब है कि कांग्रेस ने प्रदेश में हिसाब दे, जवाब दे सांसद अभियान चला रखा है। जिसके चलते शुक्रवार को डाडासीबा में इसका सम्मेलन हुआ और जनता के बीच सांसदों से हिसाब मांगा गया। लेकिन, इस बीच कांग्रेस नेताओं की गुटबाज़ी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हिसाब-जवाब मिले या न, पर हमें अपना कद ऊंचा बनाए रखना है।