हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन्वेस्टर मीट और मुख्यमंत्री के दौरों पर सवाल उठाए हैं। सुक्खू ने कहा कि आर्थिक मंदी के चलते हिमाचल का औद्योगिक क्षेत्र ख़तरे में पड़ा हुआ है और ऐसे में मुख्यमंत्री का विदेशी दौरा अपने आप में सवाल खड़ा करता है। प्रदेश में उद्योग बढ़ाने और निवेश लाने के लिए सभी सरकारें प्रयास करती रही हैं लेकिन सभी सरकारों का यही प्रयास रहा कि हिमाचल के लोगों को प्राथमिकता दी जाए। लेकिन मौजूदा मुख्यमंत्री बाहरी देशों में जाकर इन्वेस्टर लाने की बात करते हैं और प्रदेश से जुड़े लोगों को बॉयकोट किया जाता है।
इन्वेस्टर मीट के जरिये प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ने चाहिए लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हिमाचल के सरकारी विभागों में बाहरी लोगों को बिठाया जा रहा है। ये सरकार हिमाचल हित की है या नहीं… ये बात प्रदेश की जनता को सोचनी पड़ेगी। हिमाचल से जुड़े लोगों को तरजीह मिलनी चाहिए, न कि बाहरी लोगों को।
उन्होंने मांग की है कि सरकारी नौकरियों में बोनाफाइड हिमाचली का प्रावधान होना सरकार को अवश्य करना चाहिए ताकि हिमाचल में जो बेरोजगार युवा हैं उन्हें रोजगार का साधन पहले मिले। इसके साथ ही जो इन्वेस्टर मीट के नाम पर सरकार हिमाचल के लोगों को गुमराह करने की बात कर रही है वह भी दूध का दूध और पानी का पानी आने वाले एक-दो महीनों में हो जाएगा।