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‘जहां जरूरत है वहां हेलिपोर्ट नहीं बना रही सरकार, हो रहा भेदभाव’

नवनीत बत्ता |

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के पूर्व चीफ सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकार द्वारा बनाए जा रहे 6 हेलिपोर्ट की जगहों पर सवाल उठाए हैं। सुक्खू ने कहा कि उड़ान 2 के तहत जिन जगहों पर हेलिपोर्ट की सबसे ज्यादा ज़रूरत है उन जगहों को सरकार ने छोड़ दिया है और जिन जगहों पर ज्यादा जरूरत नहीं है… वहां हेलिपोर्ट बनाने का फैसला लिया जा रहा है। जब सरकार जगहों को चिन्हित करती है तो ये भी ध्यान में रखना चाहिए की ये किन जगहों पर हेलिपोर्ट के कामयाब होने की संभावना है या नहीं? लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया।

सुक्खू ने कहा कि करोड़ों का खर्च इस प्रोजेक्ट पर होगा, लेकिन क्या सरकार इन जगहों पर इसके खर्च को पुगा पाएगी इसपर कोई विचार नहीं हुआ। सरकार हेलिपोर्ट बना रही है इसपर हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन जिन 6 जगहों को चिन्हित किया गया है वे कुछ फिट नहीं बैठती या फ़िर कहें कि भेदभाव हो रहा है। कई इलाके तो ऐसे भी हैं जो 20-20 किलोमीटर की दूरी पर ही हैं तो फिर यहां दो-दो हेलिपोर्ट की क्या जरूरत है। जहां प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल बनने जा रहा है, उस जिले बिलासपुर में कोई हेलिपोर्ट की बात नहीं की गई। हमीरपुर शिक्षा का इतना बड़ा हब है और यहां देश के छात्र पढ़ने आते हैं… लेकिन हमीरपुर को बॉयकॉट किया गया।

सुक्खू ने मांग करते हुए कहा कि सरकार को 6 के बजाये 12 हेलिपोर्ट बनाने का फैसला लेना चाहिए ताकि प्रदेश में निचले और उपरी क्षेत्र का भेदभाव ख़त्म हो जाए। सभी क्षेत्रों को ब्यौरा लेना चाहिए और जरूरत के हिसाब से हेलिपोर्ट को स्थापित करना चाहिए।

ग़ौरतलब है कि सरकार ने बद्दी में हेलिपोर्ट का हब बनाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही संजोली-दिल्ली बायपास, मनाली के एक गांव, मंडी के कंगनी धार समेत 6 जगहों पर हेलिपोर्ट बनाने का निर्णय लिया है।