पूर्व मुख्यमंत्री औऱ वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने दलाई लामा की जासूसी की ख़बर पर चिंता जताई है। शांता ने कहा कि हैरानी की बात है कि 6 सालों से संदिग्ध चीनी जासूस देश की राजधानी में हज़ारों करोड़ रुपयों की मनीलॉन्ड्रिंग करता रहा। ये ख़बर देश और प्रदेश सरकार के लिए काफी चिंताजनक है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि वे दिल्ली में भारत सरकार के अधिकारियों से मिलकर इस विषय पर जांच की मांग करें।
इसके साथ ही धर्मशाला में प्रदेश के अधिकारियों से विचार विमर्ष करके दलाई लामा की सुरक्षा व्यवस्था पर पुनर्विचार के बाद कड़े कदम उठाए जाएं। महामहिम दलाई लामा केवल तिब्बत सरकार के ही मुख्य नहीं है वे इस समय पूरे विश्व में सबसे अधिक सम्मानित आध्यात्मिक नेता है। उन्हें विश्व का सबसे बड़ा सम्मान नोवल पुरूस्कार मिल चुका है। इतना ही नहीं विश्व के लगभग और दर्जनों देशों ने उन्हें अपने देश के सबसे बड़े सम्मानों से सम्मानित किया है। वे इस समय पूरे विश्व में एक शांति दूत के रूप में समझे जाते हैं। जिस चीन ने उनके देश को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं रखी उस चीन के विरूद्ध भी आज तक उन्होंने कोई कड़वा शब्द प्रयोग नहीं किया।
शांता कुमार ने कहा कि आज महामहिम दलाई लामा भारत में महात्मा बुद्ध के एक प्रतिरूप की तरह हैं। भारत की नैतिक धार्मिक और राष्ट्रीय जिम्मेवारी है कि उनकी सुरक्षा में किसी प्रकार की कमी न रहे। प्रदेश और केन्द्र सरकार उनकी सुरक्षा की सारी व्यवस्था पर एक बार फिर से विचार करे। एक चीनी जसूस फर्जी नाम से लामों के बीच रहता रहा। यह चिन्ता ही नहीं दुर्भाग्य की बात भी है कि तिब्बत की निर्वासित सरकार और दिल्ली में केन्द्र की सरकार दोनों अन्धेरे में रहे। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री से भी इस विषय पर जांच और कार्रवाई का आग्रह किया।