हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि कोरोना संकट भयंकर हो रहा है। तड़पती लाशें और कांपते मरघट रूह को भी कंपा रहे है। मद्रास उच्च न्यायालय की फटकार जनता की भावनाओं के अनुसार है। इस अति भयंकर परिस्थिति में सरकार को बहुत कड़वे और कठोर निर्णय करने चाहिए। सरकार और चुनाव आयोग यह निर्णय करें कि कम से कम आने वाले 6 मास में कहीं पर किसी प्रकार का भी कोई चुनाव नहीं होगा।
सरकार यह निर्णय करे कि शादी में केवल दो परिवार होंगे। किसी प्रकार का धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम कहीं पर भी नहीं होना चाहिए। कोरोना फैलने का सबसे बड़ा कारण है सरकार और जनता की लापरवाही। आज भी कुंभ में लाखों नहीं पर हजारों साधु साही स्नान कर रहे हैं। नेता घूम रहे हैं जबकि नेता कहीं पर भी जाता है तो नियम टूटते हैं। नेता जब शादी में जाता है तो नियमों की धज्जियां उड़ रही है।
उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी जी दिल्ली में बैठकर सारे देश का संचालन कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय सभाओं को दिल्ली से सम्बोधित कर रहे हैं। किसी भी प्रदेश का कोई नेता आपात स्थिति के इलावा कहीं पर दौरे पर न जाए। प्रधानमंत्री की तरह प्रदेश के नेता प्रदेश और केन्द्र में बैठ कर सब कुछ कर सकते है। पैसा भी बचेगा और कोरोना भी नहीं फैलेगा। शादियों में 50 व्यक्तियों की सीमा खुलेआम टूट रही है। जहां नेता जा रहे हैं वहां धज्जियां उड़ाई जा रही है।
पूरे प्रदेश में कांगड़ा जिला सबसे अधिक पीड़ित है। पूरे प्रदेश में कुल मरने वालों में आधे कांगड़ा जिला के है। मई माह में कांगड़ा जिला में 3 हजार शादियां है। अभी और भी अनुमति के लिए कहेंगे। एक जिला में 3 हजार शादियों – नेता जायेंगे – नियमों की धज्जियां उड़ेंगी। क्या बनेगा ये सोच कर ही डर लग रहा है। वक्त की जरूरत है कठोर नियम, ये शादी में केवल दो परिवार और 15 से अधिक संख्या नहीं होनी चाहिए।