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रवि के पत्र बम से खुलनी शुरू हुईं स्वास्थ्य घोटाले की परतें, सरकार ने दबाया: सूक्खू

नवनीत बत्ता |

स्वास्थ्य विभाग के घोटाले में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल के इस्तीफे पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सूक्खू ने प्रदेश सरकार को घेरा। सुक्खू ने कहा कि सरकार स्पष्ट करे कि बिंदल का इस्तीफा क्यों लिया गया? स्वास्थ्य विभाग के घोटाले में भाजपा के कौन बड़े नेता शामिल हैं, जिनके चलते बिंदल को प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी का त्याग करना पड़ा। सरकार उनके भी नाम सार्वजनिक करे। क्या बिंदल का इस्तीफा लेकर मामले को दबाने की कोशिश हो रही है। क्योंकि, पहले भी सरकार इस घोटाले को दबा चुकी है।

सूक्खू ने कहा कि पूर्व मंत्री रविंद्र रवि के पत्र बम ने इसकी परतें खोल दी थीं, लेकिन सरकार ने घोटालेबाजों पर कार्रवाई के बजाए रवि के खिलाफ ही जांच बिठा दी थी। स्वास्थ्य विभाग में लंबे समय से घोटाले होते आ रहे हैं, जिन्हें लेकर ही रवि ने पत्र लिखा था, लेकिन सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। वह घोटाले का पहला अध्याय था, दूसरा अध्याय कोरोना काल में शुरू हुआ और 5 लाख के लेनदेन का ऑडियो वायरल होने पर भ्रष्टाचार उजागर हो गया। कोरोना जैसी आपदा में भी भ्रष्टाचार ने भाजपा का असली चेहरा बेनकाब कर दिया है।    

जिनके काम-धंधे बंद, उन्हें राहत दे सरकार

सुखविंदर सूक्खू ने कहा है कि सरकार उन्हें राहत दे जिनके काम-धंधे पूरी तरह से बंद पड़े हैं। आपदा में दान दी जा रही राशि खर्च करने के लिए है, जमा करने के लिए नहीं। सरकार प्रदेश में राहत किसे दे रही यह पता ही नहीं चल रहा। वकीलों, छोटे दुकानदारों, नाई-धोबी, कामगारों और जिनकी नौकरी चली गई है, सरकार को उन्हें बतौर राहत जल्दी 10000 रुपये आर्थिक मदद देनी चाहिए। पीटीए टीचर्स को भी तुरंत उनकी रुकी हुई सैलरी दी जाए।

कोरोना पॉजिटिव को घर भेजना बड़ी चूक

सूक्खू ने कहा कि कोरोना नियंत्रण को लेकर सरकार एक के बाद एक गलतियां कर रही है। जब प्रदेश के लोगों को बाहर से लाना चाहिए था, तब लाए नहीं, जब लोग संक्रमित हो गए तो उन्हें लाकर पूरे प्रदेश को खतरे में डाल दिया। हमीरपुर में 15 कोरोना पॉजिटिव को नेगेटिव बताकर घर भेजना बड़ी प्रशासनिक लापरवाही है। सरकार को उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। संस्थागत संगरोध में हो रहा भाई भतीजावाद भी खत्म हो।