किराया बढ़ोतरी पर पूर्व सरकार में मंत्री रहे जीएस बाली ने सरकार पर तंज कसा है। अपने फेसबुक अकाउंट के माध्यम से जीएस बाली ने कहा कि विरोध करने के बावजूद भी सरकार ने पेट्रो पदार्थों में वैट न घटाकर किराया बढ़ोतरी को चुना। लेकिन सरकार ने इस फैसले पर सही से स्टडी नहीं की। क़रीब 25 फीसदी किराया बढ़ाया गया, जिसका सीधा नुकसान HRTC को होगा। निजी ऑपरेटर न्यूनतम किराये के बाद सब्सिडी दे देंगे, लेकिन निगम नहीं दे पाएगा।
जीएस बाली ने कहा कि ऐसे में निगम घाटे में जाएगा और ग्रामीण परिवहन पर नेगेटिव इंपेक्ट पड़ेगा। निजी ऑपरेटर फायदा-नुकसान देखकर रूट नहीं लेते और निगम जनसेवा हेतु भी कार्य करता है। जीएस बाली ने कहा कि मुझे जानकारी मिली की परिवहन मंत्री तक इस बैठक में नहीं थे, फिर सरकार ने क्या मंत्री और मंत्रालय के विचारों के बिना ही जनता पर फैसला थोप दिया। ऐसा लगता है कि सरकार सब पहले ही तय कर चुकी थी।
पूर्व मंत्री ने कहा कि यदि सरकार पेट्रो पदार्थों में वैट घटाती तो जनता पर अनावश्यक बोझ नहीं पड़ता। न्यूनतम किराया भी सीधे डबल कर दिया गया है, जिससे ऐसा लगता है कि निजी ऑपरेटरों की हड़ताल एकमात्र औपचारिकता थी। घरेलू सिलेंडर के दाम आसमान छू रहें हैं और सरकार को चाहिए था पेट्रोल डीज़ल पर वैट कम करके हर वर्ग को राहत देती। सरकार जल्द महिलाओं, छात्र वर्ग को कम से कम सरकार राहत दे।