सरकार द्वारा लाई जा रही टीएमपीए पॉलिसी पर पूर्व मंत्री जीएस बाली ने आपत्ति जताई है। जीएस बाली ने कहा कि सरकार टीएमपीए को आउटसोर्स पर रखने जा रही है जो सरासर ग़लत है। इसके माध्यम से कंडक्टर ठेकेदार के माध्यम से रखे जाएंगे और सरकार का ये फैसला बिचौले लाकर युवाओं को धोखा देने के बराबर है।
जीएस बाली ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह फैसला गरीब के लिए परेशानी भरा है। प्रदेश में इस वक्त दो हजार के करीब प्रशिक्षित TMPA हैं, जिन्होंने मुसीबत के समय एचआरटीसी को चलाया है। सरकार को चाहिए कि ऐसे लोगों को चांस दिया जाए। ठेकेदार को क्यों कमीशन देनी? मौजूदा समय में सरकार टीएमपीए को आठ हजार देते है, लेकिन इस फैसले के बाद सरकार तो आठ हजार देगी, लेकिन ठेकेदार कंडक्टर को पांच हजार ही देगा।
'युवाओं से हो रही ठगी'
प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए जीएस बाली ने कहा कि सरकार बेरोजगारी की संख्या तो कम कर नहीं पा रही, उल्टा जिनके पास नौकरी है उन्हें भी निकाला जा रहा है। अभी तक 11 लाख बेरोजगारों की फ़ौज हो चुकी है और यदि वे बेरोजगारी के लड़ाई लड़ेंगे तो प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ेगी। युवाओं से जुड़े इस अहम मुद्दे पर सरकार से कोर्ट में जंग लड़ी जाएगी।
जीएस बाली ने कहा कि आज प्रदेश में अवैध तरीके से कई वॉल्वो बसें चलाई जा रही हैं। प्राइवेट बसों को लाभ देने के लिए सरकारी बसों के रूट ही बदल दिए जा रहे हैं। सरकार के परिवहन मंत्रालय को इसका लेखा-जोखा पब्लिक करना चाहिए ताकि लोगों को भी सच पता चल सके।
बरसाती नुक्सान और बेरोजगारी पर सरकार को घेरा
प्रदेश में बारिश से हो रहे नुक्सान और प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। धर्मशाला में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए जीएस बाली ने कहा कि बारिश से जिन परिवारों को नुक्सान हुआ है, वहां सरकार की मशीनरी भी प्रभावितों की मदद करने में फेल साबित हो रही है। अधिकारी कोई काम नहीं कर रहे और प्रभावितों को कई दिक्कतें आ रही हैं। सरकार अपनी इस सुस्त मशीनरी को बदले और जल्द से जल्द प्रभावितों को मदद प्रोवाइड करवाए।
जीएस बाली ने कहा कि बरसात में हो रहे नुक्सान की समस्या काफी गंभीर है। इसके लिए अगल जरूरत पड़े तो सरकार को विपक्ष की मदद लेनी चाहिए और जॉइंट दल बनाकर केंद्र से मदद मांगनी चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा फंड मिल सके।