पूर्व मंत्री जीएस बाली ने सरकार को निशाने पर लिया है। जीएस बाली ने कहा कि ' सरकार जनता के नए नए आदेश ला रही है लेकिन उनके मंत्री, नेता और वे खुद इन्ही आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। सरकार की बेपरवाही और कथनी करनी में कमी का इससे बढ़कर क्या उदाहरण हो सकता है कि पूरे प्रदेश की जनता पर होली मनाने पर पाबंदी लगाई गई। हर जिला के उपायुक्तों ने स्पेशल एडवाइजरी जारी की गई लेकिन मुख्यमंत्री के आवास पर सार्वजनिक रूप से नाटियां डालकर होली मनाई गई। ये तो अपने ही आदेशो की धज्जियां उड़ाना है।
विधानसभा अध्यक्ष जैसी जिम्मेदारीपूर्ण पोस्ट पर रहे सत्ताधारी पार्टी के नेता विधायक सरेआम सड़क पर ढोलक की छाप पर नाचकर अपनी ही सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाते रहे हैं। पूरे भारत समेत हिमाचल प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर फिर से सक्रिय हो गई है। हिमाचल प्रदेश में भी लगातार कोरोना संक्रमित मरीजो की संख्या में इजाफा हो रहा है। लेकिन सरकार इस मामले में बेपरवाह है और महज औपचारिकता निभाकर अपना पल्ला झाड़ रही है।
हिमाचल सरकार की अपनी समझ बूझ तो लगता है खत्म हो चुकी है या कभी थी ही नहीं। लेकिन कम से कम प्रदेश की जनता के हित और मामले संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार केंद्र द्वारा गठित टास्कफोर्स से ही सलाह लेकर इस कड़ी को रोकने का प्रसार करे। लोगों के काम-धंधे रोजगार पहले ही तबाह हो चुके हैं। दूसरी लहर उन्हें कहीं का नहीं छोड़ेगी। बाहर से आने वाले लोगों के रेपिड टेस्ट सुनिश्चित किये जायें या रिपोर्ट को कम्पलसरी किया जाए।
सरकार सत्ता के नशे और जश्न मोड से बाहर आकर स्थिति बिगड़ने से पहले जनहित में तुरन्त काम करे। और जो भी नियम बनाये पहले खुद उनका पालन करके उदाहरण सेट करे।