पूर्व मंत्री जीएस बाली ने स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल को नसीहत दी है। जीएस बाली ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री अपनी जिम्मेदारी जमझें। सार्वजनिक क्षेत्र में जिम्मेदारी और जवाबदेही सिर्फ मुख्यमंत्री तक सीमित नहीं होती। ये सरकार कोई प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं होती कि मंत्री उसके कर्मचारी हैं और सिर्फ बॉस यानी मुख्यमंत्री को ही जवाबदेही देनी है। लोकतंत्र में जवाबदेही जनता को देनी पड़ती है। हालांकि मुख्यमंत्री भी अगर जवाबदेहियां लेने वाले होते तो विफल और यू-टर्न सरकार का तमगा लेकर ये सरकार नहीं घूमती।
जीएस बाली ने कहा कि लोगों ने मीडिया, सोशल मीडिया से प्रशन्न उठाया तब जाकर स्वास्थ्य मंत्री के दौरे प्रदेश में अपने स्तर पर शुरू हुए। नहीं तो सोलन शिमला से बाहर कदम नहीं पड़ रहे थे। उनको समझना चाहिए कि कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, चंबा, किन्नौर, स्पीति भी हिमाचल के ही जिले हैं । स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री के साथ जिलों के दौरे करके खत्म नहीं हो जाती। बल्कि अपने स्तर पर भी काम करना और टास्क फोर्स का गठन करते हुए इस आपदा स्थिति से जनता को बचाना ज्यादा महतवपूर्ण है।
टेस्टिंग रिपोर्ट हफ्ते बाद आ रही है इस दिशा में कुछ करें। पीपीई किट पहनकर कोविड वार्ड के फोटो से ज्यादा महतवपूर्ण है धरातल पर काम करना। जो वेंटिलेटर धूल फांक रहे हैं, उनका समुचित प्रयोग किया जाए। मैं स्वास्थ्य मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार से एक और अनुरोध करता हूं कि आयुर्वेदिक हेल्थ स्टाफ, डॉक्टर भी कोरोना महामारी में दिन रात कोरोना वारियर के रूप में अपनी सेवाएं जनता के बीच बराबरी से दे रहे हैं। उन्हें भी प्रोत्साहन राशि मासिक सैलरी में प्रदान की जाए। इस घड़ी में उनके योगदान और जज्बे को भी तवज्जो मिले।
साथ ही उन्होंने कहा कि एम्स बिलासपुर में कार्यरत एक्सपर्ट डॉक्टरों की सेवाएं आपातकाल में लीजिए। केंद्र से या कहीं भी बात करके जैसे भी हो इसे संभव कीजिये। इस वक़्त हेल्थ स्टाफ ओवर बर्डन है जिसे कम करना जरूरी है। याद रहे कि इससे पहले जीएस बाली ने भी सवाल उठाया था कि स्वास्थ्य मंत्री गायब चल रहे हैं। इसके बाद पिछले कल स्वास्थ्य मंत्री ने खुद कांगड़ा का दौरा कर इस बात का जवाब दिया कि न जाने मैं विपक्ष के नेताओं को क्यों नहीं दिखता।