प्रदेश में शिमला-मटौर फोरलेन अब नहीं बनेगा। केंद्र सरकार ने वायबल नहीं बताते हुए इससे हाथ पीछे खींच लिए हैं। इसके बारे में पिछले कल यानी गुरुवार को एक अधिसूचना भी जारी कर दी है। इस बारे में पूर्व मंत्री जीएस बाली ने प्रदेश सरकार को घेरा और जनता को गुमराह करने के आरोप लगाए।
अपने पेज पर जीएस बाली ने कहा कि ' झांसों और कोरी घोषणाओं की असलियत अब समय के साथ-साथ सामने आ रही है । चुनावी स्टंट के नाम पर प्रदेश के लोगों को सब्ज़बाग़ दिखाकर गुमराह किया गया । 69 हाईवे ऐसे बांटे और प्रचार किए गए जैसे रेवड़ियां बांट रहे हों । उनका कोई अता पता नहीं है । मटौर-शिमला फ़ोरलेन को लेकर अब केंद्र सरकार का कहना है यह वाएबल नहीं है। राज्य को यह पत्र केंद्र से आया है । सम्भव तो घोषणा जब करते हो तब यह पहलू क्यों नहीं देखते ?
कांग्रेस सरकार में स्वीकृत और बजट के प्रावधान किए गए। किरतपुर-नेरचोक हाईवे का काम आज तक अधूरा हैं । शिमला परवाणू फ़ोरलेन भी मनमोहन सरकार की योजना थी । ऊना कलखर एक्सप्रेस भ मनमोहन सरकार ने बनवाया। रोहतांग टनल को धरातल पर मनमोहन सरकार लाई । भाजपा सरकार ने हिमाचल को घोषणा रूपी 69 हाइवे दिए । जिनकी असलियत अब एक-एक कर सामने आने लगी है ।
पहाड़ के भोले-भाले लोगों को रेल हाइवे के सपने दिखाकर ठगा गया ! डबल इंजन की सरकार धरातल पर फ़ेल है । नारों लारों से बाहर सरकार के पास न नीति है न विजन।'