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‘सरकार की नीतियों औऱ कार्यकलापों से फैला कोरोना, मुख्य भूमिका से नदारद है स्वास्थ्य मंत्री’

बीरबल शर्मा |

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने कोरोना महामारी के चलते प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है। कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में जिस तरह से कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है ये सब प्रदेश सरकार की नीतियों और कार्यकलापों का परिणाम है। मंडी में हुए शिवरात्रि मेले में हजारों लोग शामिल हुए, स्वयं मुख्यमंत्री ने इसमें भाग लिया, अधिकतर मंत्री विधायक औऱ लोग इसमें बिना मास्क के शामिल होते रहे। लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए इस पर सवाल भी उठाए मगर सरकार ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई।

इसके बाद नगर निगम के चुनावों में मुख्यमंत्री ने मंडी, पालमपुर, धर्मशाला और सोलन में रैलियां की, गलियों बाजारों में घूमे, कोरोना प्रोटोकोल का पालन नहीं किया गया। 15 अप्रैल हिमाचल दिवस मंडी जिले के पधर में मनाया गया, उस दिन पधर के नजदीक हरड़गलू में राजनीतिक रैली भी की गई। इसमें शामिल किसी ने भी कोरोना प्रोटोकोल का पालन नहीं किया। इसका ही परिणाम है इस समय मंडी जिले में रोजाना हजार तक केस पहुंचने लगे हैं। दरंग हल्के में पधर औऱ आसपास कई गांव पूरी तरह इससे ग्रसित हो चुके हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार प्रदेश को जितनी राहत मिलनी चाहिए उतनी नहीं मिल रही है, प्रदेश को वैक्सीन भी पूरी नहीं दी जा रही है, सरकार इस पर पर्दा डाल रही है। 1 मई से जो 18 से 45 साल आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन लगनी थी वह अभी तक शुरू नहीं हो पाई। कांग्रेस सरकार के समय में प्रदेश के गांव गांव में स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं, उन्होंने स्वयं स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए प्रदेश में 8 हजार आशा वर्कर भर्ती किए हैं। इनके माध्यम से हर व्यक्ति को जल्द से जल्द टीका लगना चाहिए ताकि तीसरी लहर के आने से पहले पहले लोग सुरक्षित हो सकें।

पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि जय राम ठाकुर सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात स्टाफ नर्स की व्यवस्था को खत्म कर दिया है जो सही नहीं है। हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक एक नर्स की तैनाती जरूरी तौर पर की जाए। सैंपल लेने व दवाईयां वितरण करने का काम स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से ग्राम स्तर तक किया जाना चाहिए। आक्सीजन को लेकर उन्होंने कहा कि उन्होंने आईजीएमसी शिमला में आक्सीजन का प्लांट स्थापित किया था तो भाजपा ने इसे लेकर खूब शोर मचाया था। आज यही प्लांट सांसें बनकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कोरोना काल में स्वास्थ्य मंत्री की मुख्य भूमिका से नदारद है, जिसके लिए उन्हें इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।