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‘उद्घाटन में न आकर मंत्री ने जनता को किया निराश, नगर निगम ने उद्घाटन पट्टिका उख़ाडी’

पी. चंद |

नगर निगम शिमला द्वारा टूटीकंडी फुट ओवरब्रिज के उद्घाटन कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री न पहुंचने की घटना अत्यंत खेदजनक औऱ शर्मनाक है। स्थानीय जनता भी वहां मंत्री का इंतजार करती रही लेकिन मंत्री शहर में होने के बावजूद इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हुए। सरकार औऱ नगर निगम को जनता के सामने बताना चाहिए की आख़िरकार मंत्री जब वार्ड का दौरा कर सकते हैं तो यहां क्यों नहीं। ये बात पूर्व माकपा शिमला मेयर संजय चौहान ने कही।

संजय चौहान ने कहा कि जब मंत्री महोदय नहीं पहुंचे तो नगर निगम ने वहां लगी उद्घाटन पट्टिका को उखाड़ दिया और स्थानीय जनता निराश होकर वापस चली गई। इस प्रकार के बयान आज मीडिया में आये हैं उससे लगता है कि यह कार्यक्रम भी राजनीति की भेंट चढ़ गया जोकि अत्यंत खेदजनक है। शायद ऐसा शिमला के इतिहास में पहली बार हुआ होगा और लोकतंत्र में किसी भी जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के नुमाइंदे से ऐसा अपेक्षित नहीं होता। सरकार को इस शर्मसार करने वाली घटना पर संज्ञान लेना चाहिए।

पूर्व नगर निगम ने कहा कि अप्रैल 2017 में 5 फुट ओवरब्रिज के काम शुरू किया था और इसके लिए धन का प्रावधान भी किया गया था। बीजेपी की सरकार औऱ नगर निगम शिमला करीब 3 साल से अधिक समय बीतने के पश्चात केवल एक ही फुट ओवरब्रिज का काम पूर्ण कर पाई। अब उसमें भी इस प्रकार की राजनीति की जा रही है। अभी 4 फुट ओवरब्रिज जो नवबहार, खलीनी, तारा हाल स्कूल और राजकीय महाविद्यालय संजौली के साथ बनने थे, न जाने किस हालत में है और कब बनेंगे।


 
चौहान ने कहा कि लगता है बीजेपी की सरकार और नगर निगम का शिमला शहर के विकास की ओर कोई ध्यान ही नहीं है। बीजेपी शासित नगर निगम औऱ सरकार जब से सत्ता में आई है तब से शिमला शहर के लिए आज तक कोई भी नई योजना आरम्भ ही नहीं कर पाई है। जो करोड़ो रूपये की विकास की योजनाएं पूर्व नगर निगम ने आरम्भ की थी और धन का प्रावधान भी किया था उनके निर्माण पर भी कोई ध्यान नहीं दे रही है। लगभग सभी योजनाएं या तो इनका काम आरम्भ ही नहीं हुआ है या आधी अधूरी हैं।

सरकार औऱ नगर निगम अभी तक अपने कार्यकाल में लोगो पर पानी, बिजली, बस किराया, प्रॉपर्टी टैक्स, कूड़ा उठाने की फीस आदि सेवाओं की दरों में वृद्धि कर जनता पर बोझ डालने का काम कर रही है। सरकार और निगम जल्द इन जनविरोधी निर्णयों को वापस ले और रुके कामों को जल्द अंजाम दिया जाए। जो पुल का उद्घाटन लटका दिया गया उसपर भी सरकार को हस्तकक्षेप करना चाहिए।