हिमाचल प्रदेश सरकार ने हड़ताल पर जाने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए कड़ी चेतावनी जारी की है। सरकार ने सिविल सर्विस रूल्स 3 और 7 का हवाला देते हुए आदेश जारी किए हैं कि प्रदर्शन, बहिष्कार, पेन डाउन स्ट्राइक और इस तरह की अन्य गतिविधियों में शामिल सरकारी कर्मचारियों का वेतन काटा जाएगा। यहां तक कि ऐसे कर्मचारियों पर अपराधिक मामला भी दर्ज किये जा सकते हैं।
संबंधित विभाग द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। कार्मिक विभाग ने पेन डाउन स्ट्राइक और मास लीव पर जाने को लेकर कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं। पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर मंडी से शुरू हुई पदयात्रा और डॉक्टरों की हड़ताल के बाद सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। इसके विरोध में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया और सरकार के इस निर्णय को तानाशाहीपूर्ण बताया है।
इससे पहले भी बीते दिनों मुख्यमंत्री भी बयान जारी कर आंदोलन करने वाले कर्मचारियों को चेतावनी दे चुके हैं। उल्लेखनीय है कि 2022 में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में आए दिन कई संगठन मांगों को लेकर विरोध जता रहे हैं जिसमें सरकार की अच्छी खासी फजीहत हो रही है। लोकतंत्र में सभी लोगों को विरोध जताने का आधिकार है। अगर अब हिमाचल की जयराम सरकार ऐसा फरमान जारी कर रही है तो इसका साफ यही मतलब दिखता है कि चुनावों से पहले सरकार अपनी रेप्यूटेशन ख़राब नहीं करना चाहती और तानाशाही रवैया अपना रही है।