<p>प्रदेश को कोविड-19 महामारी से बचाने के लिए राज्य सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों से हाईकोर्ट को शपथपत्र के माध्यम से अवगत करवाया गया। यह शपथपत्र सरकार की ओर से हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना में दायर किया गया है। हाईकोर्ट ने 3 दिसंबर को विस्तृत आदेश जारी कर कोविड महामारी से रोकथाम और इसके प्रभाव कम करने के लिए जुड़े जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए थे।</p>
<p>राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि प्रदेश के डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। शिमला और टांडा के कोविड अस्पतालों के लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे जा रहे हैं। नेरचौक, टांडा, शिमला, धर्मशाला , नाहन, हमीरपुर और चम्बा के प्रमुख 7 अस्पतालों में ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट स्थापित किये जा रहे हैं और इनका आधारभूत ढांचा जनवरी से बनाना आरम्भ कर दिया जाएगा। कोविड से जुड़ी सेवाएं देने वाले तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 200 रुपये प्रति शिफ्ट इंसेंटिव देने का फैसला लिया गया है।</p>
<p>घर घर जाकर लोगों को इस महामारी के प्रति जागरूक करने का अभियान 25 नवम्बर से हिम सुरक्षा योजना के तहत चलाया गया है। बसों में यात्रियों की संख्या को 50 फीसदी किया गया है और सप्ताह में 5 दिन का कार्यदिवस और एक दिन शनिवार को वर्क फ्रॉम होम शुरू किया गया है। 35 हजार से अधिक मास्क संबंधी निर्देशों के उल्लंघन से जुड़े चालान किये गए हैं और डेढ़ करोड़ रुपये की जुर्माना राशि वसूली गई है। अस्पतालों में कोविड मरीजों से सम्पर्क के लिए इंटरकॉम सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मरीजों को अपने सगे संबंधियों से संपर्क बनाये रखने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।</p>
<p><span style=”color:#e74c3c”><strong>आउटसोर्स के आधार कर्मियों की नियुक्ति</strong></span></p>
<p>सरकार की ओर से यह जानकारी जनहित से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट को दी गई। हाईकोर्ट ने पिछले आदेशों में राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी किये गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी वरिष्ठ डॉक्टर कोविड-19 वार्डों का नियमित तौर पर दौरा करते रहे। राज्य सरकार को तरल ऑक्सीजन टैंकरों की उपलब्धता बाबत निर्णय लेने के भी आदेश जारी किए गए है। न्यायालय ने आउटसोर्स के आधार पर तैनात किए जाने वाले कर्मियों को 5 दिसंबर तक नियुक्ति प्रदान करने के आदेश जारी किए है। न्यायालय ने निजी और सरकारी प्रयोगशालाओं से कोविड टेस्ट करवाने के आदेश दिए है ।</p>
<p>सैंपल एकत्रित करने वाली एजेंसी को यह आदेश जारी किए हैं कि वह टेस्ट करने के दौरान व्यक्ति का संपर्क नंबर, ईमेल आईडी व अन्य जरूरी जानकारी ले ताकि टेस्ट के परिणाम बाबत ईमेल व्हाट्सएप इत्यादि पर बताया जा सके। न्यायालय ने शिमला, मंडी, धर्मशाला, कुल्लू सोलन, ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर जिलों में टेस्टिंग बाबत जानकारी समाचार पत्रों व सोशल मीडिया के माध्यम से दिए जाने के आदेश जारी किए है ताकि सैंपल को एकत्रित करने के लिए समय संबंधी जानकारी लोगों को उपलब्ध हो सके। न्यायालय ने कोविड-19 अस्पतालों में हेल्पलाइन सुविधा को भी सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए हैं ताकि कोविड-19 के मरीज से उसके परिवार के सदस्य व अन्य नजदीकी रिश्तेदारों का सम्पर्क बना रहे।</p>
<p>न्यायालय ने कहा कि जो मरीज अपने खर्चे पर नर्स रखना चाहे, उन्हें अपने खर्च पर नर्स रखने की अनुमति दी जाए ताकि हॉस्पिटल स्टाफ का भार कम हो सके । कोविड मरीज के शव को किसी भी स्थिति में वार्ड में न लपेटा जाए। उसके शव को तुरंत वार्ड के बाहर किया जाए। सभी शौचालय साफ और स्वच्छ रखने के आदेश जारी किए हैं। अगर मरीजों को शौचालय की संबंधी कोई शिकायत है तो वह हेल्पलाइन पर सूचना दे सकते हैं। न्यायालय ने गरम पानी और स्ट्रीमर की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी आदेश जारी किए हैं। राज्य में प्रवेश करने वाले सभी बाहरी लोगों के टेस्ट लाजमी बनाए जाने पर विचार के आदेश भी जारी किए गए हैं। न्यायालय ने मास्क पहनने, समाजिक दूरी बनाए रखने बाबत बनाए गए नियमों की पालना सुनिश्चित करने के लिए न केवल स्थानीय पुलिस बल्कि नगर निगम, गृह विभाग के कर्मियों और वॉलेंटियर को तैनात करने के आदेश जारी किए हैं।</p>
<p>किसी भी परिवार को कोविड-19 से ग्रसित होने के कारण समाज से बाहर नही किया जाएगा। कार्यकारी मैजिस्ट्रेट की इजाजत के बिना जनसभा आयोजित नहीं की जा सकेगी। इस तरह की इजाजत के बाद स्थानीय पुलिस थाना को यह सुनिश्चित करना होगा कि जनसभा में निर्धारित लोगों से अधिक संख्या न हो। इसके अतिरिक्त पंचायतों तथा स्थानीय निकायों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाने जैसी शर्तो की पूर्णतया पालना हो । जो लोग जरूरी वस्तुओ की डिलीवरी के लिए तैनात किए गए हैं उनका टेस्ट प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।</p>
<p>न्यायालय ने आउटसोर्स के आधार पर कोविड की सेवाओं में तैनात किए तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों को अतिरिक्त भत्ता प्रदान करने के निर्देश जारी किए हैं। जो लोग घर से ही अपना इलाज ले रहे हैं उन लोगों को डेडीकेटेड मेडिकल पर्सनल द्वारा दिन में दो बार संपर्क करने के आदेश जारी किए हैं ।ताकि उस व्यक्ति के बाबत डेडिकेटेड हॉस्पिटल के कर्मियों को पूरी जानकारी हो । न्यायालय ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए हैं कि जो लोग घर से ही इलाज ले रहे हैं उन्हें सरकार अच्छी गुणवत्ता वाली मेडिसिन किट उपलब्ध करवाये।</p>
<p>न्यायालय ने सरकारी कर्मियों के लिए शिफ्ट अनुसार कार्यालय आने का समय सुबह 9:30 औऱ 10:00 तथा सांय जाने का समय 4:30 और 5:00 करने पर विचार करने के आदेश जारी किए हैं। ताकि बसों में भीड़ को कम किया जा सके। जनसाधारण को कोविड बाबत शिक्षित करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायालय ने इसके लिए होर्डिंग, रेडियो, टीवी और किताबों के माध्यम से शिक्षित करने के आदेश जारी किए हैं। ताकि लोगों को कोविड-19 से बचने के लिए सुझाए गए नियमो प्रक्रिया और प्रोटोकॉल के बारे में पूरी जानकारी हो। न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक को यह आदेश जारी किए हैं।</p>
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