कोरोना जैसे संकट काल में पहाड़ी प्रदेश में बच्चों से लेकर बूढ़ो ने कोविड फण्ड में अपना योगदान दिया। इस बीच पहले सेनेटाइजर घोटाला, फिर बिलासपुर में पीपीई किट घोटाले की बात सामने आई। अब स्वास्थ्य निदेशक रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार हो गए। हिमाचल स्वास्थ्य निदेशक डॉ. एके गुप्ता की गिरफ्तारी और रिमांड ने प्रदेश में सियासी भूचाल ला दिया है। बताया जा रहा है कि मामले में विजिलेंस सारा रिकॉर्ड खंगालने में जुट गई है। शिमला, सोलन से लेकर सिरमौर जिला तक जांच का दायरा बढ़ सकता है।
जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार निदेशक के घर से 25 बैंक खाता, घर के महंगे सामान, गहने बरामद हुए है । कैश की बात करें तो वो ज्यादा नही है .. वायरल ऑडियो में जिस शख्स की आवाज है, उसके बारे में कहा जा रहा है कि वो सिरमौर का रहने वाला था और अजय गुप्ता से परेशान था । उसी ने ऑडियो रिकोर्ड किया और इस वायरल किया । उसे लगा कि ऐसा करने से उसकी परेशानी कम होगी ।
इसके साथ ही गिरफ्तार निदेशक ने आज जमानत की अर्जी लगायी और वकीलों से राय मशविरा करने के बाद उसे वापस ले लिया । हालांकि, अभी भी वो अस्पताल में ही है और जांच एजेंसी इस मामले में जांच का दायरा बढ़ा सकती है ।
फिलहाल मामले में कोई नेता या अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे है। ऑडियो में जो लेनदेन पांच लाख का बताया जा रहा है वह किस चीज के लिए मांगा जा रहा है। क्या ये घोटाला कारोना काल मे पीपीई किट, सेनेटाइजर या मास्क से जुड़ा हुआ है। ख़बर ये है कि एक फर्म से कोविड 19 का समान खरीदने के बदले ये घुस मांगी गई। यदि ऐसा है तो प्रदेश के लिए इससे शर्म की बात क्या हो सकती है। सेनेटाइजर घोटाले में युवा मोर्चा के नेता की संलिप्तता की बात सामने आई।
अब इस घोटाले के तार भी प्रदेश के कदावर नेता से जुड़ने की बात सामने आ रही है। निदेशक ने के साथ जिस व्यक्ति के ऑडियो वायरल हुई है। वह बड़े नेता का करीबी बताया जा रहा है। इसी माह के अंत में स्वास्थ्य निदेशक सेवानिवृत्त हो रहे थे लेकिन खबर तो यहां तक है कि नेता ने गुप्ता के सेवाविस्तार को लेकर सिफारिश भी कर दी थी। ताकि सांठगांठ का धंधा आगे भी चलता रहे। फ़िलहाल विपक्ष मामले को लेकर सता पक्ष पर सवाल उठा रहा है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुख्खू ने तो मामले की न्यायिक जांच की मांग भी कर डाली।