भारत सरकार ने देश के पहाड़ी राज्यों की अनेक मांगों को स्वीकार कर लिया है। केन्द्र सरकार पहाड़ी राज्यों में चल रही विकासात्मक परियोजनाओं के लिए 90 : 10 के अनुपात में वित्तीय सहायता प्रदान करने पर सहमत है। इसके अतिरिक्त, हर घर को नल उपलब्ध करवाने के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करवाने की मांग को भी मान लिया गया है। ये जानकारी IPH मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने दी।
उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्यों द्वारा पेयजल के सम्बन्ध में दिए गए अधिकतर प्रस्तावों को 'हर घर में नल से जल' योजना के अंतर्गत शामिल करने का आश्वासन दिया गया है। यह निर्णय केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने दिल्ली में गत दिन इस योजना के आरम्भ होने से पूर्व, विभिन्न राज्यों के सचिवों के साथ आयोजित बैठक में लिया गया है। हिमाचल प्रदेश में 57 प्रतिशत बस्तियों को जलापूर्ति प्रदान की जा चुकी है लेकिन पुरानी योजनाओं में हर घर को पेयजल उपलब्ध करवाने का कोई प्रावधान नहीं था।
हर घर को जल उपलब्ध करवाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य ने अतिरिक्त धनराशि की मांग की थी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने योजना के तहत हर घर को पेयजल उपलब्ध करवाने में सराहनीय कार्य करने वाले राज्यों को प्रोत्साहन देने का भी निर्णय लिया है। योजना के अंतर्गत पहाड़ी राज्यों के लिए 28 से 30 हजार रुपये प्रति व्यक्ति और अन्य राज्यों के लिए 15 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। जो राज्य योजनाओं की डीपीआर सर्वप्रथम प्रस्तुत करेंगे उन राज्यों को पहले धनराशि दी जाएगी।
महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि इस संबंध में विभाग ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बना ली है और वित्तीय संस्थाओं को वित्तपोषण के लिए प्रेषित कर दिया गया है। इस योजना की डीपीआर भी भारत सरकार को स्वीकृति के लिए शीघ्र भेजी जाएगी।