पिछले एक सप्ताह में मंडी सदर के विधायक और पूर्व मंत्री ने तीसरी बार मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को निशाने पर लिया है। इस बार विधानसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के हवाले के साथ आए हैं। मंगलवार को सोशल मीडिया के माध्यम से अपने वीडियो बयान में अनिल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 15 अगस्त को मंडी में भाषण दिया कि मंडी इस बार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना यानि पीएमजीएसवाई में प्रथम स्थान पर रहा है, मगर यह नहीं बताया कि मंडी सदर इसमें सबसे नीचे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों से इस योजना में एक भी सड़क नहीं मिली है और मैं इसमें सबसे नीचे हूं। कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि मैं विधानसभा में बोलता नहीं हूं। बोलना या पूछना क्या है जब पिछली बार जो सवाल पूछे तो उस पर ही कोई अमल नहीं हुआ। ऐसा लगता है कि सरकार ने मन बना लिया है कि मंडी सदर में कोई काम ही नहीं करना है। यह ठीक है कि मुख्यमंत्री कस्टोडियन हैं, उनको पूरे प्रदेश को बजट अलॉट करना है मगर समान विकास के दावे गलत हैं।
पिछले तीन सालों से लोक निर्माण विभाग में मंडी जिले का बजट शिमला और कांगड़ा से ज्यादा दिया गया मगर दुख इस बात का है कि मंडी जिले में भी यह केवल सराज व धर्मपुर को ही मिला है। उन्होंने इसके आंकड़े देते हुए बताया कि 2021-22 में मंडी जिले को 1220 लाख, कांगड़ा को 776 लाख व शिमला को 779 लाख का बजट इस मद में दिया गया। मंडी जिले के 1220 लाख की बात करें तो इसमें मंडी सदर को 38 लाख, धर्मपुर को 69 लाख व सराज को 600 लाख मिला। जबकि पहले यह बजट लगभग बराबर होता था बल्कि कांगड़ा के लिए ज्यादा होता था।
लगातार तीन सालों से ऐसा होने लगा है जिसके आंकड़े गवाह हैं। मंडी सदर की जनता को इसे महसूस करना चाहिए। मंडी सदर ने लोकसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवार को 21 हजार मतों की लीड दी है, ऐसे में जब ये आंकड़े सामने हैं तो जब मुख्यमंत्री सदर क्षेत्र में आएं तो इस बारे में जरूर पूछा जाना चाहिए।