राज्यपाल से मिलने के बाद भारतीय सेना के 13 ग्रेनेडियर के 23 वर्षीय जवान अनिल चौहान की माता ने मुख्यमंत्री से मुलाक़ात की। मुख्यमंत्री ने शहीद की माता से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार उन शहीदों को पूरा सम्मान और आदर देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिन्होंने राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने शहीद अनिल चैहान की माता को आश्वासन दिया कि वह शहीद अनिल चौहान के मामले को देखेंगे और शहीद के सम्मान के रूप में इस सम्बन्ध में उचित कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि शहीदों के परिवारों से राज्य सरकार द्वारा किए गए वायदों को पूरा कर उन्हें सम्मान दिया जाए। शहीद की माता ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि पूर्व सरकारों ने जिला कांगड़ा के स्थानीय राजकीय हाई स्कूल हालर का नाम शहीद के नाम पर रखने औऱ इसके अतिरिक्त शहीद के नाम पर एक स्मारक बनाने का वायदा किया था, लेकिन आज तक कुछ भी नहीं हुआ है।
याद रहे कि 15 सितम्बर, 2002 को असम में आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन राइनो में सर्वोच्च बलिदान दिया था। शहीद अनिल को भारत के राष्ट्रपति द्वारा मरणोपरान्त 2004 में कीर्ति चक्र से सम्मानित किया था। सरकारी मांगें पूरी न होने पर आज शहीद का परिवार कीर्ति सम्मान लौटाने राज्यपाल के भवन पहुंचा था। लेकिन मुख्यमंत्री ने अब आश्वासन देकर उन्हें सांत्वना दी है।