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धर्मशाला: पार्टी ने लगाई निगम बनाने जिम्मेदारी, लेकिन होटल के कमरे तक रहे सीमित अग्निहोत्री

मृत्युंजय पुरी |

धर्मशाला नगर निगम चुनावों में पूर्ण बहुमत किसी भी पार्टी के पास नहीं था। भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस भी बहुमत साबित करने का दावा कर रही थी। ऐसे में सरकार ने धर्मशाला में वन मंत्री राकेश पठानिया की जिम्मेदारी लगाई तो कांग्रेस ने नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री की जिम्मेदारी दी थी। वन मंत्री राकेश पाठानिया सुबह से अपनी टीम के साथ धर्मशाला में दिखे लेकिन बहुमत से एक दिन पहले आने के बावजूद नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ना ही मीडिया के साथ रूबरू हुए ना ही उनके फ़ोन उठाए।

जानकारी के अनुसार, धर्मशाला के एक निजी होटल में नेता विपक्ष कल रात से रुके थे लेकिन धर्मशाला नगर निगम के चुनावों के दौरान ना ही वे कांग्रेस उम्मीदवारों के साथ दिखे, ना ही उन्होंने मीडिया को किसी भी प्रकार से जानकारी दी। चुनावों में बहुमत का दावा करने वाले नेताओं की रणनीति ऐसी थी कि मेयर के चुनाव के लिए कोई भी उम्मीदवार नहीं दिया गया। भाजपा के मेयर पद के उम्मीदवार ओंकार नेहरिया निर्विरोध जीत गए।

वहीं डिप्टी मेयर के लिए कांग्रेस ने अपने पूर्व मेयर देवेंद्र जग्गी को भाजपा के प्रत्याशी सर्वचन्द गलोटिया के खिलाफ उतार दिया जिसमें भाजपा को 11 ओर कांग्रेस को मात्र 6 वोट मिले। इसी बीच यहां कांग्रेस की रणनीति पर कही ना कहीं सवाल उठ रहे हैं कि अगर पार्टी हाई कमान ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी चुनावों के लिए लगाई थी तो उन्होंने इसमे अपनी भूमिका को मात्र होटल के कमरे तक ही सीमित क्यों रखा।

समाचार फर्स्ट ने मुकेश अग्निहोती को कई फ़ोन किये और उनका पक्ष जानने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया। इसका एक कारण गुटबाजी भी माना जा रहा है। क्योंकि अग़र नेता प्रतिपक्ष मीडिया से रूबरू होते तो पूर्व मंत्री को लेकर चल रहे कुछ जीते पार्षदों के विवाद का भी जवाब देना था। ऐसे में कई और भी सवाल है जो शायद कांग्रेस की गुटबाजी को यहां जगजाहीर कर गए।