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स्वास्थ्य विभाग घोटाले पर पक्ष-विपक्ष आमने सामने, इस्तीफ़े की मांग पर मंत्री ने दिया जवाब

पी. चंद |

कोरोना के ख़िलाफ़ एक साथ लड़ने के बजाए सरकार औऱ विपक्ष दोनों एक दूसरे से लड़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग में घोटालों को लेकर विपक्ष मुख्यमंत्री से इस्तीफ़े की मांग पर अड़ा है तो भाजपा मुख्यमंत्री के बचाव में मुखर होकर लड़ाई लड़ रही है। एक तरफ सरकार को घोटालों और भ्रष्टाचार पर घेरने के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपने दिग्गज नेता मैदान में उतार दिए है तो दूसरी तरफ़ सरकार ने भी विपक्ष के हमलों का जबाव देने के लिए अपने मंत्रियों सहित नेताओं को उतार दिया है।  

हिमाचल में आज भाजपा की तरफ से शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने मोर्चा संभाला तो दूसरी तरफ़ कांग्रेस कीऔर से रामपुर के विधायक ने सरकार पर हमला बोला। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी चुनावों में मिली हार को आज तक नहीं पचा पाई और अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर सीबीआई के चक्कर काटती रही। आज वही पार्टी नैतिकता की दुहाई दे रही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के आधार पर काम कर रही है।

स्वास्थ्य विभाग में कथित घोटाले को लेकर सरकार नें खुद जांच के आदेश दिए है। इस पर विपक्ष केवल श्रेय लेने के लिये अनर्गल बयानबाज़ी कर रहा है। ज़मातियों ने पूरे देश मे कोरोना वायरस फैलाने का काम किया है। हिमाचल में भी जमातियों की वजह से एक समय में मामले बढ़ गए थे लेकिन फिर भी हिमाचल सरकार के बेहतर प्रबंधन के चलते कोरोना को लेकर स्थिति नियंत्रण में है। स्वास्थ्य विभाग में 14500 पीपीई किट खरीदी गई जिस पर 1.84 करोड़ का खर्च किया गया। इसी खरीद को लेकर स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन निदेशक पर कार्रवाई हुई है दूसरा शख्स भी विजिलेंस के शिकंजे में है। वेंटिलेटर खरीद में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। ऐसे में विपक्ष का मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगना गलत है।

वहीं, कांग्रेस पार्टी लगातार सरकार पर हमलावर है। सभी कांग्रेस के नेता कारोना काल मे हुए घोटाले की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री को लेकर इस्तीफ़े की मांग पर अड़ गए है। आज कांग्रेस की तरफ से रामपुर के विधायक ने मोर्चा संभाला और पीपीई किट, सेनेटाइजर घोटाले सहित वेंटिलेटर घोटाले पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से इस्तीफ़े की मांग की। उन्होंने कहा कि विजिलेंस की जांच पर उन्हें भरोसा नहीं है क्योंकि विजिलेंस तो सरकार के इशारों पर काम करती है। इसलिए मामलों को न्यायिक जांच होनी चाहिए।