<p>होशियार सिंह के बाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय को लेकर मचे घमासान के बीच महेंद्र सिंह भी मुख्यमंत्री के बचाव में उतरे है। राजस्व मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने आज यहां बताया कि भारत सरकार ने केन्द्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के दो परिसर स्थापित करने के लिए स्वीकृति दी है, जिनमें तहसील धर्मशाला में उत्तरी परिसर जदरांगल और देहरा में दक्षिणी परिसर शामिल हैं। दक्षिणी परिसर देहरा के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार ने 34.55 हेक्टेयर सरकारी भूमि 2010 में ही केन्द्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के नाम स्थानांतरित कर दी थी, जिसका इंतकाल भी 2010 में हो गया था।</p>
<p>इसके अलावा 81.79 हेक्टेयर वन भूमि को उपयोगकर्ता एजेंसी (यूजर एजेंसी), निदेशक उच्चतर शिक्षा, हिमाचल प्रदेश के नाम वन संरक्षण अधिनियम के तहत परिवर्तित (डाईवर्जन) करने की मंजूरी 11 दिसम्बर, 2018 को प्राप्त हुई थी, लेकिन इसमें यह शर्त लगाई गई थी कि जिस भूमि को परिवर्तित करने की मंजूरी प्रदान की गई है, वह किसी भी स्थिति में बिना केंद्र सरकार के अनुमोदन से किसी अन्य एजेंसी, विभाग या किसी अन्य व्यक्ति के नाम स्थानांतरित नहीं की जा सकती। ऐसी परिवर्तित वन भूमि की विधिक स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा।</p>
<p>इस मामले और कुछ अन्य मामलों को राजस्व विभाग के आग्रह पर वन विभाग ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार से आवश्यक स्पष्टीकरण के लिए 22 अप्रैल, 2019 को आग्रह किया था, कि क्या परिवर्तित वन भूमि को उपयोगकर्ता एजेंसी के नाम इंतकाल के माध्यम से स्थानांतरित किया जा सकता है या नहीं। राजस्व विभाग ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार से यह आग्रह भी किया था कि क्या परिवर्तित वन भूमि के कब्जे के लिए क्या कागजात माल (राजस्व अभिलेख) में इंद्राज किया जा सकता है या नहीं।</p>
<p>इस पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 30 जुलाई, 2019 को पत्र के माध्यम से स्पष्ट किया था कि वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत जो वन भूमि परिवर्तित की जाती है, उसकी विधिक स्थिति वन भूमि ही रहेगी। ऐसी परिवर्तित भूमि इंतकाल के माध्यम से उपयोगकर्ता एजेंसी या उपयोगकर्ता विभाग के नाम कागजात माल में राजस्व विभाग द्वारा स्थानांतरित नहीं की जा सकती। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार के स्पष्टीकरण के अनुसार केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के साथ-साथ अन्य 30 मामलों में अभी तक भी परिवर्तित वन भूमि का इंतकाल संबंधित उपयोगकर्ता एजेंसी के नाम नहीं दिया जा सका है।</p>
<p>उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार केंद्रीय विश्वविद्यालय व अन्य सभी विकासात्मक परियोजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत कार्यवाही करते हुए मंजूरी के लिए आवश्यक कदम उठा रही है, किंतु वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के स्पष्टीकरण के दृष्टिगत केंद्रीय विश्वविद्यालय और कई अन्य महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं का काम शुरू करने में देरी हो रही है।</p>
<p>राजस्व मंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार ने वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए वन भूमि को परिवर्तित करने में त्वरित कार्यवाही की है। इसके लिए आवश्यक अनुमोदन भी 11 दिसम्बर, 2018 को जारी कर दिया था तथा ग्रीन कवर प्लान के अंतर्गत पांच करोड़ 60 लाख रुपये भी नवम्बर, 2018 में कैम्पा हेड में जमा करवा दिए थे। यह राशि पहले जमा की गई राशि 17 करोड़ 27 लाख 53 हजार रुपये के अतिरिक्त थी।</p>
<p>राजस्व मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस बारे उत्पन्न स्थिति पर पुनः विचार करने के लिए यह मामला वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार से उठाया हुआ है। उन्होंने केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री से भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रलाय से इन तकनीकी कठिनाइयों का निवारण करवाने का आग्रह किया, ताकि केंद्रीय विश्वविद्यालय और लगभग 30 परियोजनाओं का निर्माण कार्य शीघ्र आरंभ कर विकास को गति दी जा सके।</p>
<p> </p>
75th Constitution Day: जिला भाजपा हमीरपुर की उपाध्यक्ष उषा बिरला ने 75वें संविधान दिवस पर…
TCP Unauthorized Construction: हिमाचल प्रदेश के नगर एवं ग्राम नियोजन (टीसीपी) अधिनियम 1977 के तहत…
HRTC BOD Meeting : एचआरटीसी बीओडी की बैठक में हुए फैंसलों की जानकारी देने के…
Bajuri Panchayat Municipal Corporation Protest: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में नगर निगम बनाने के…
National Milk Day in Mandi: हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक प्रसंघ समिति की…
Mandi residents threaten election boycott: नगर निगम मंडी के बैहना वार्ड के लोगों ने नगर…