वन मंत्री राकेश पठानिया ने किसान के भारत बंद को प्रयोजित बताया है। राकेश पठानिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रायोजित आज के भारत बंद को प्रदेश में ना तो किसानों ने स्वीकार किया और ना ही प्रदेश की जनता ने। कृषि कानून पूरी तरह से किसानों के हित में है यह प्रदेश का प्रगतिशील बागवान भली भांति जानता है। यह किसान आंदोलन नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी और एनडीए सरकार की छवि को धूमिल करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ विपक्षी दलों का राजनीतिक आंदोलन है।
इसे असफल कर जनता ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि प्रदेश के किसान का प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा में पूरा विश्वास है। भारत बंद के प्रदेश में असफल होने से यह सिद्ध हो गया कि आज इन पार्टियों के नेता जनता में अपना विश्वास खो चुके हैं। ये निर्दोष किसानों के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं। किसानों के हितों की बलि चढ़ा रहे हैं। पिछले कई सालों से हम सबने देखा है कि देश में कहीं पर भी कोई भी आंदोलन हो , अपना अस्तित्व बचाने के लिए ये लोग उसमें कूद पड़ते हैं और अराजकता फैलाने का प्रयास करते हैं । अपना वजूद बचाने के लिए अपनी विचारधारा और अपने सिद्धांतों को छोड़कर तात्कालिक राजनीतिक लाभ के लिए मैदान में उतर आते हैं ।
कांग्रेस ने हर वर्ग को अपना वोट बैंक समझा पर भाजपा ने हर वर्ग के कल्याण का काम किया। देश में अपना अस्तित्व खो रही कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किसानों में भ्रम पैदा कर रही हैं। कृषि सुधार कानून पूरी तरह से किसान हितैषी और उनको खुशहाली के मार्ग पर ले जाने वाले हैं। नए कृषि सुधार कानूनों से किसानों के जीवन में समृद्धि आएगी। किसी भी विवाद की स्थिति में उसका निपटारा 30 दिवस में स्थानीय स्तर पर करने की व्यवस्था है।