जल शक्ति मंत्री ठाकुर महेंद्र सिंह ने वह चीन के साथ यदि जंग होती है तो वह इस युद्ध में मोर्चे पर जाने को तैयार हैं। वह पूर्व सैनिक हैं, 1969 में सेना में भर्ती हुए थे। उस समय पाकिस्तान के साथ जंग हुई तो उनकी 9 डोगरा कमांड अग्रिम मोर्च पर थी। उन्होंने पाकिस्तान के साथ जंग लड़ी थी और उन्हें गर्व है कि पाकिस्तान को उस लड़ाई में मुंह की खानी पड़ी थी। अब उनकी उम्र 71 साल हो गई है मगर वह इस उम्र में भी देश के पहले मंत्री होंगे जो युद्ध मोर्चे पर जाना चाहेंगे। ये बात मीडिया से बातचीत में महेंद्र सिंह ने कही।
मैं दूसरी लड़ाई लडऩा चाहूंगा और एक पूर्व सैनिक के रूप में मोर्चे पर जाने को तैयार हूं। फिर से रणभूमि में जाना चाहता हूं। चीन के साथ तनाव को लेकर महेंद्र सिंह ने कहा कि जो भी हुआ है वह दुखदायी है, निंदनीय है। शहीद हुए सैनिकों को वह नमन करते हैं, उन्हें देश के सैनिकों पर गर्व है। दुनिया में भारतीय सेना सबसे श्रेष्ठ है, किसी भी देश की सेना इतनी सक्षम नहीं है। सेना ने अपनी सीमा में रह कर काम किया है मगर चीन ने जो किया वह निंदनीय है।
प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और गृह मंत्री ने इसे गंभीरता से लिया है भारत के रूख को सपष्ट भी कर दिया है। प्रधानमंत्री ने भी चेता दिया है कि हमारे सैनिकों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री के इस कथन का मतलब साफ तौर पर समझ में आ जाना चाहिए। महेंद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सीमाएं भी चीन के अधिपत्य वाले तिब्बत के साथ लगती हैं, लाहौल स्पीति औऱ किन्नौर जिले इसके साथ सटे हुए हैं, वहां के लोगों के हौंसले बुलंद हैं। सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। चीन को अपनी भूल का खामियाजा भुगतना होगा।