विधायक निधि को लेकर मुख्यमंत्री ने सदन में वक्तव्य दिया और कहा कि हिमाचल सरकार की 7 अप्रैल की कैबिनेट में कोरोना महामारी के कारण आर्थिक हालातों को देखते विधायक निधि को निरस्त किया था। विधायक निधि को दो साल के लिए सस्पेंड किया गया था लेकिन लगातार विधायक इसे बहाल करने की मांग कर रहे हैं। इस पर सरकार ने पुनर्विचार किया है और पक्ष और विपक्ष के विधायकों की मांग पर विधायक निधि को बहाल करने घोषणा की। उन्होंने कहा कि 50 लाख रुपये प्रति विधानसभा क्षेत्र जारी किया जाएगा।
इसकी पहली किस्त 25 लाख अक्टूबर में जारी कर दी जाएगी और बाकी की राशि पंचायत चुनावों के बाद बहाल कर दी जाएगी।नवंबर में पंचायत चुनाव को लेकर चुनाव आचार संहिता लग जायेगी। विधायक निधि बहाल करने पर नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सरकार का धन्यवाद किया और कहा कि पूरी विधायक को बहाल किया जाए और उद्धघाटन और शिलान्यास में विपक्ष के विधायक का नाम भी पट्टिका में लिखा जाए।
इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक निधि को फिलहाल की परिस्थितियों को देखते हुए पूरी तरह से बहाल नहीं किया जा सकता है, लेकिन नेता विपक्ष ने जो पट्टिका पर नाम लिखने का मामला ध्यान में लाया है उसमें विधायकों प्राथमिकता के जो काम होंगे उस पर विपक्ष के विधायकों के नाम पट्टिका पर लिखने के लिए सरकार विचार करेगी। याद रहे कि इससे पहले 1 करोड़ 75 लाख की विधायक निधि होती थी।
पॉइंट ऑफ आर्डर के तहत कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने पुलिस नियमितीकरण का मामला उठाया और कहा कि पुलिस के जवानों का 8 साल का कॉन्ट्रैक्ट को अन्य कर्मचारियों की तरह 3 साल का किया जाए ।मुख्यमंत्री इसको लेकर स्थिति स्पष्ट करे। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला सरकार के समक्ष आया है और इस पर सरकार अध्ययन कर रही है।
धर्मशाला से विधायक विशाल नेहरिया ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के भवन निर्माण का मामला उठाया और मुख्यमंत्री से पूछा कि इसको लेकर सरकार क्या कर रही है। जिसके जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि भवन निर्माण को लेकर और फॉरेस्ट क्लीयरेंस फाइनल स्टेज में है और स्वीकृति के बाद तुरंत इस के काम को शुरू किया जाएगा।
इसके बाद नियम 323 के तहत चीन द्वारा लाहौल स्पीति बॉर्डर पर 20 किलोमीटर अंदर सड़क का मामला उठाया और विधानसभा अध्यक्ष से पूछा कि इसको एजेंडे में क्यों शामिल नहीं किया गया। जनजातीय परिषद के गठन को लेकर भी सवाल पूछा गया था। जगत नेगी ने कहा कि20 प्रश्न पहले दिन दिए थे लेकिन प्रश्नों को शामिल क्यों नहीं किया ।इसको लेकर जगत सिंह नेगी विधानसभा अध्यक्ष से पूछा कि लोकहित के मुद्दों को सदन की कार्यवाही में क्यों शामिल नहीं किया गया।
जवाब में लाहौल स्पीति से विधायक और मंत्री रामलाल मारकंडे ने कहा कि चीन ने अपनी सीमा के अंदर 20 किलोमीटर रोड बनाया है। रामलाल मारकंडे ने कहा कि उन्होंने कभी भी नहीं कहा कि चीन ने लाहौल स्पीति के बॉर्डर के अंदर आकर रोड बनाया। तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर बेबुनियाद आरोप लगाया जा रहा है।