सदन में नियम 62 के बाद नियम 130 के तहत कोरोना महामारी से सम्पूर्ण जन मानस पर पड़े प्रभाव और निज़ात हेतु सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव को इंद्रदत्त लखनपाल, विक्रम जरयाल, नरेंद्र ठाकुर, विनोद कुमार और किशोरी लाल ने ये प्रस्ताव लाया।
इंद्रदत्त लखनपाल ने चर्चा में भाग लेते हुए बताया कि कोरोना से निपटने के लिए सरकार असफल रही। नेरचौक में तो लोग जाते हुए डरते रहे क्योंकि जो वहां गया मौत के मुंह में गया। मरीज ऑक्सीजन की कमी से मौत के मुंह में समा गए। स्टॉफ की कमी से मरीजों की मौत हुई। अव्यवस्था अस्पतालों में रही। कोरोना से जिनकी मौत हुई अस्पताल उनके परिजनों को कोरोना से मौत का सर्टिफिकेट क्यों नही दे रही है? घटिया पीपीई किट दी गई। वैक्सीनेशन पर गलत आंकड़े पेश किए। वैक्सीनेशन अभी भी लोगों को नहीं लग पाई।
चर्चा को आगे बढ़ाते भाजपा के मुख्य सचेतक विक्रम जरियाल ने कोविड जैसी महामारी से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों की जमकर सराहना की और कहा कि दुनिया में सबसे बड़ा कोविड टीकाकरण अभियान भारत में चलाया गया। डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ ने बेहतर काम किया। भाजपा सरकार सहित नेताओं ने। कोरोना से लोगों को बचाने का काम किया। 40 हज़ार होम आइसोलेशन किट बांटी गई।
विक्रमादित्य सिंह ने कोरोना पर लाए गए 130 के प्रस्ताव पर अपने आप को शामिल करते हुए बताया कि कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए जो काम करना चाहिए था वह सरकार ने नहीं किया। हिमाचल सरकार ने "आ बैल मुझे मार" की स्थिति पैदा की गई। इंडस्ट्री ऑक्सीजन मरीजों को चढ़ाई गई। कोविड पर सरकार के कामों की तारीफ़ करते हुए हमीरपुर के विधायक नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि कोविड ने समूचे विश्व को प्रभावित किया लेकिन विपक्ष ने कोविड को गंभीरता से नहीं लिया। भले ही कोविड से लोगों की मौत हुई लेकिन 2 लाख से ज्यादा लोग ठीक भी हुए है। कोरोना में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ।
130 की चर्चा में सदस्य मोहन लाल बरागटा ने कोरोना काल में रही सरकार की नाकामियों को उजागर करने की कोशिश की तो वहीं विनोद कुमार ने कोविड में सरकार के बेहतर काम के क़सीदे गड़े। विनोद कुमार ने बताया कि हिमाचल में 28 ऑक्सीजन प्लांट होंगे। 1011 ऑक्सीजन सिलिंडर हिमाचल में था जो अब बढ़कर 10 हज़ार हो गए है। 112 ICU बेड थे जो अब 784 है। चर्चा में नंद लाल, किशोरी लाल, राजिंदर राणा व अन्य सदस्य भी भाग ले रहे है।