हिमाचल प्रदेश विधानसभा मॉनसून सत्र के अंतिम दिन प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस के विधायक जगत नेगी ने नियम-67 स्थगन प्रस्ताव के तहत बरसात बाढ़ से हुए नुकसान से निपटने के लिए सरकार की नाकामयाबी का मामला सदन में उठाया और इस पर चर्चा की मांगी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने ये कहकर इस चर्चा को ख़ारिज कर दिया कि इस पहले भी चर्चा हो चुकी है।
इस पर विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बरसात से नुकसान पर चर्चा हुई है, लेकिन इस नुकसान से निपटने के सरकार सफल नहीं हो पाई है। लेकिन स्पीकर ने चर्चा के लिए मना कर दिया। नाराज़ विपक्ष ने सदन में नारेबाजी कर दी ओर 10 मिनट बाद ही सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष का आरोप है कि प्रदेश में बरसात से भारी मात्रा में नुकसान हुआ है जिससे सड़के, खेत और घर बहे है। लेकिन प्रशासन ने कोई राहत प्रदान नहीं की है। इसलिए विपक्ष चाहता था कि सदन में सारा काम रोककर इस पर चर्चा करती जिसकी इजाज़त नहीं दी गई नतीज़तन विपक्ष को वॉकआउट करना पड़ा।