वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जब तक कनेक्टिविटी नहीं बढ़ाई जाती है तब तक पयर्टन नहीं बढ़ सकता। पर्यटन व्यवसाय को बढ़ाने के लिए कनेक्टिविटी नहीं बढ़ाई जाती तब तक हिमाचल प्रदेश का पयर्टन नहीं बढ़ सकता। ऐसे में कांगड़ा एयरपोर्ट हिमाचल प्रदेश में ऐसा एक मात्र एयरपोर्ट है जहां थोड़े पैसे में हम ज्यादा काम कर सकते हैं। हिमाचल में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तारीकरण आवश्यक है।
देश-विदेश के पर्यटक हिमाचल आने को आतुर हैं, इसलिए कनेक्टिविटी को मजबूत करने की जरूरत है। मंडी के लिए प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के साथ-साथ दो या तीन और एयरपोर्ट की संभावनाओं को तलाशना चाहिए। इससे पर्यटन के साथ-साथ रोजगार के नए आयाम स्थापित होंगे। हिमाचल की खुशहाली के लिए हिमाचल में तीन बड़े एयरपोर्ट होने चाहिए। हिमाचल में पर्यटन की जो सम्भावनाएं हैं दो या तीन एयरपोर्ट की आवश्यकता है। सबसे पहले विस्तारीकरण की सम्भावनाएं हैं तो कांगड़ा एयरपोर्ट की है। हमने प्रयास कर यहां प्रतिदिन चार फ्लाइट्स शुरू की।
एयरपोर्ट्स विस्तारीकरण से न केवल क्षेत्र बल्कि हिमाचल का भी विकास होगा। व्यापार के साथ-साथ रोजगार भी बढ़ेगा। कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तार होगा तो टिकट सस्ती होने से जब पर्यटन भी बढ़ेगा तो कारोबार भी बढ़ेगा। इससे लोगों को लाभ होगा। अनुराग ने कहा कि उन्होंने 15वें वित्त आयोग से कांगड़ा और मंडी एयरपोर्ट के लिए बजटीय प्रावधान करवाया है और मोदी सरकार इसके लिए पूरी मदद भी करेगी।
कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए भूमि का अधिग्रहण शीघ्र हो, यह प्रदेश सरकार व प्रशासन का दायित्व है। अधिकारियों को इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ ने आधारभूत ढांचा विकसित किया। यहां तक कि कांगड़ा एयरपोर्ट पर नियमित फ्लाइट शुरू करवाई। मोदी सरकार ने पिछले पांच साल में देशभर में 100 नए एयरपोर्ट बनाए तो हिमाचल में क्यों नहीं? प्रदेश में कनेक्टिविटी एक बड़ा मुद्दा है। एयरपोर्ट बनने से यहां उद्योग आने की संभावनाएं बढ़ेगी। हाई एंड टूरिस्ट बढ़ेगा, जिससे टैक्सी कारोबार को काम मिलेगा। पर्यटन की क्षमता में खुद को खास बनाने के लिए हमें प्रयास करने होंगे। इसके तहत भारतीय परंपरा, संस्कृति, चिकित्सा पर्यटन, व्यापार एवं खेल पर्यटन के क्षेत्र आते हैं।