हिमाचल प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे दे में मोदी सरकार से एक आशा थी कि जब सरकार आएगी तो पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली का प्रयास करेगी। लेकिन अब ये सारी आशाएं कर्मचारियों की धूमिल हो चुकी हैं, क्योंकि लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर से स्पष्ट कर दिया है कि पुरानी पेंशनल को लागू नहीं किया जा सकता।
राज्य मंत्री ने अपने बयान में कहा कि पेंशन का बिल ज्यादा हो जाता है जिसे सरकार आसानी से बहाल नहीं कर सकती। इससे देश के विकास पर भी विपरीत अस़र पड़ता है। इसलिए न्यू पेंशन स्कीम एक सुविचार कदम है जो कि सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए देश की सहायता कर रहा है।
इसको लेकर नई पेंशन स्कीम के तहत आने वाले सरकारी कर्मचारी खासे रोष में है और उनका कहना है कि अब मोदी सरकार के सुर बदलने लगे हैं। जो लोग पहले इस मुद्दे को उठाने की बात कर रहे थे वह अब लोकसभा में बैठकर इसको लेकर स्पष्टीकरण देते नजर आ रहे हैं कि अब ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ जो है वह देश को नहीं मिल सकता।
बताते चलें कि 1 जनवरी 2004 के बाद जितनी भी नियुक्तियां सरकारी कर्मचारियों की पूरे देश में हुई हैं उनको ओल्ड पेंशन स्कीम से बाहर कर दिया गया है और अब सिर्फ मंत्रियों को विधायकों को ही पेंशन स्कीम सरकारें दे रहे हैं। बाकी सभी को न्यू पेंशन स्कीम के तहत लाया गया है। पेंशन स्कीम को लेकर सवाल बीजेपी के ही सांसद राकेश सिंह और नागर ने लोकसभा में पूछा था।