सांसद रामस्वरूप शर्मा ने पूर्व मंत्री और विधायक अनिल शर्मा पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मंडी के विकास में अडंगा अड़ाना सुखराम के परिवार की आदत बन गई है। मंडी बस अड्डे और हेलिपोट का विरोध अनिल शर्मा द्वारा किया गया। 1962 से यह परिवार सत्ता में रहा है, इसके बावजूद मुख्यमंत्री से ढाई साल का समय मांगने लगे। लोकसभा चुनाव से पूर्व अनिल शर्मा ने मुख्यमंत्री को कहा था कि उनके बेटे को लोस का टिकट दें नहीं तो कांग्रेस की तरह हाल होगा। आज भी उनकी मानसिकता यही बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि विकास की बात आए तो विरोध करना उनका स्वभाव बन गया है। अनिल शर्मा ने शहीद स्मारक का काम लंबे अर्से तक लटकाए रखा, जबकि उसकेलिए बीस लाख रूपए के बजट का प्रावधान था। अनिल शर्मा कहते हैं कि जहां महेंद्र सिंह होंगे वहां वे नहीं जाएंगे। महेंद्र सिंह प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री हैं वे सरकार में बेहतर काम कर रहे हैं। अनिल शर्मा कोरोना महामारी के दौरान घर से नहीं निकले, जबकि दिल्ली और मुंबई में जाकर आराम फरमाते रहे।
उन्होंने कहा कि अनिल शर्मा के मन में महेंद्र सिंह का खौफ है। वे दोनों हिविंका के साथी रहे हैं। मंडी शहर और सदर विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए मुख्यमंत्री प्रयत्नशील हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सभी योजनाओं को मंजूरी दे रहे हैं। पंचायत चुनाव आने पर अनिल शर्मा फिर से सक्रिय हो गए हैं और अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। अनिल शर्मा ने मंडी को अमृत योजना और स्मार्ट सिटी बनाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किए। लेकिन अब मुख्यमंत्री से इस बारे मांग कर रहे हैं।