नूरपुर स्कूल बस हादसे पर एक दैनिक अखबार की विवादित ख़बर से बीजेपी बेहद आक्रोशित दिखाई दे रही है। बीजेपी के विधायक राकेश पठानिया ने अख़बार में छपी ख़बर को बेबुनियाद बताया है। दरअसल, अखबार ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री के मौके पर आगमन को देखते हुए शवों को रोक कर रखा गया और कुछ के शव श्रद्धांजलि देने के लिए वापस घर से मंगाए गए।
इस ख़बर को राकेश पठानिया ने झूठा बताया और कहा कि यदि अख़बार में छपी ख़बर प्रूव हो जाती है, तो वे राजनीति से सन्यास ले लेंगे। उन्होंने कहा कि शवों को घरों से मंगाना की बात बिल्कुल झूठ है।
पठानिया ने कहा कि हादसे के बाद 23 बच्चों को नहीं बचाया जा सका। जबकि, बाकी घायलों का इलाज चल रहा है और सभी अब ख़तरे से बाहर हैं। इनमें से 3 बच्चों के ओपन ब्रेन सर्जरी हुई है और सभी का पूरा खर्चा सरकार वहन कर रही है। जहां, तक बात लेट-लतीफी की है तो हादसे के दिन पोस्टमार्टम के लिए दो डेड-हाउस बनाए गए थे। सारी प्रक्रिया पूरी करने में सुबह के 10 बज चुके थे। जबकि, मुख्यमंत्री मौके पर सवा 10 बजे पहुंचे और श्रद्धांजलि दिए।
अख़बार के खिलाफ प्रिविलेज मोशन ला सकती है सरकार
राकेश पठानिया ने प्रेस-कॉन्फ्रेंस कहा कि सरकार अखबार की गलत ख़बर पर विधानसभा में प्रिविलेज मोशन लाने पर विचार कर रही है। जिस तरह से गैर-जिम्मेदाराना रवैये के तहत रिपोर्टिंग हुई है वह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही दर्दनाक और हर किसी को झंकझोर देने वाली घटना थी, ऐसे में अफवाह फैलाना सही नहीं है
NDRF के रवैये पर जताया रोष
साथ ही पठानिया ने रेस्क्यू टीम NDRF के रवैये पर भी रोष जाहिर किया। उन्होंने कहा कि जब एनडीआरएफ को फोन किया गया तो उनका रवैया बेहद ही असंवेदनशील था। हादसे के दौरान फोन करने पर जवाब मिला कि मौके पर पहुंचने के लिए गाड़ी में तेल कौन डलवाएगा। इधर, मासूम जिदंगी से जंग लड़ रहे थे और यहां एनडीआरएफ की तरफ से तेल नहीं होने की बात कही जा रही थी। यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण था। हालांकि, टीम कुछ देर बाद घटनास्थल पर पहुंची, मगर उनका शुरुआती व्यवहार बेहद ही ख़राब था।