संगठनात्मक घोषणाओं के बाद अब हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा के लिए किस उम्मीदवार को लेकर पार्टी में सहमति बन सकती है, इसको लेकर अब चर्चाएं गर्म आने लगे हैं। भाजपा के संगठन मंत्री महेंद्र पांडे का नाम इसमें सबसे ऊपर लिया जा रहा है और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगर महेंद्र पांडे राज्यसभा में जाना चाहेंगे तो वह आसानी से और सर्वसम्मति से मौजूदा सरकार में हिमाचल के कोटे से जा सकते हैं।
दूसरा बड़ा नाम जिसको लेकर चर्चाएं गर्म आए हुए हैं वे जोगिंदर नगर से संबंधित भाजपा के वरिष्ठ नेता अजय जमबाल का। इनको लेकर अगर केंद्र से कोई ट्रेक्शन आएगी तो आगे लाया जा सकता है। वहीं, अगर हम प्रदेश के भीतर चल रही राजनीति और नेताओं की बात करें तो इनमें सबसे बड़ा नाम महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष इंदु गोस्वामी का लिया जा रहा है क्योंकि इस बार कांगड़ा जिला के कोटे से ही राज्यसभा प्रदेश के राजनीतिक गणित के हिसाब से जानी है तो ऐसे में अगर महिलाओं को तरजीह दी जाएगी तो ऐसे में इंदु गोस्वामी राज्यसभा के लिए हिमाचल प्रदेश से नॉमिनेट हो सकते हैं।
इसके अलावा दूसरा बड़ा नाम महिला कोटे से सरवीण चौधरी का है जो कि समय प्रदेश में मंत्री हैं। लेकिन उनके मंत्रिमंडल को लेकर अक्सर कई तरह की खबरें सुर्खियों में रहते हैं और अब तो उनको मंत्रिमंडल से हटाने की चर्चाएं भी गरमाई हुई हैं। ऐसे में पार्टी प्रदेश में चाहेगी तो सरवन चौधरी को किशन कपूर की तर्ज पर दिल्ली भेज सकते हैं जो कि मौजूदा सरकार को पूरी तरह सूटेबल भी रहेगा।
अगर और नामों की बात करें तो सतपाल सत्ती और पवन राणा का नाम जरूर चर्चा में है। लेकिन सत्ती इस बात को लेकर सहमत होंगे या नहीं इस पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है कहा यह जा रहा है कि वह ज्यादातर ऊना विधानसभा क्षेत्र को ही तरजीह दे रहे हैं और प्रदेश की राजनीति करने की बात ही कह रहे हैं। वह इसी तरह इंदु गोस्वामी का एक अपना राजनीतिक स्थान प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा में है और पालमपुर से ही चुनावी लड़ाई की तैयारी में हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समय पूर्णकालिक के रूप में हिमाचल प्रदेश में उनके साथ काम किया है।
उसी के चलते अब इंदु गोस्वामी का नाम भी राज्यसभा की उम्मीदवारों की सूची में चल रहा है। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा कौन से चेहरे को राज्यसभा में हिमाचल प्रदेश से भेजेंगे लेकिन इतना तय है कि प्रदेश की राजनीति का माहौल भी कहीं ना कहीं उनके इस फैसले से बदलेगा।