हिमाचल में करुणामूलक आधार पर सरकारी नौकरी देने के मामलों पर अभी सरकार कोई अंतिम फैसला नहीं ले पाई है। इससे नाराज़ करुणामूलक संघ आज शिमला के माल रोड में 7 दिन के क्रमिक अनशन पर बैठ गया है। सरकार के विभिन्न विभागों में करुणामूलक के लंबित करीब 4500 मामले पड़े हैं। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक़ ये संख्या 3400 के लगभग है। प्रभावित परिवार करीब 15 साल से सरकारी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने करुणामूलक नौकरी के लिए आय सीमा 2.40 लाख रुपये सालाना कर दी है।
करुणामूलक संघ के अध्यक्ष पमिल कुमार ने कहा कि हिमाचल के कई विभागों में कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु होने के बाद आश्रित परिवार की महिला ने बच्चे छोटे होने के कारण करुणामूलक नौकरी नहीं ली थी। जब बच्चे नौकरी योग्य हुए तो उन्हें आयसीमा के कारण नौकरी नहीं मिली। अब सरकार ने आय सीमा 2.40 लाख रुपये कर दी है, लेकिन अब भी नौकरी नहीं मिल पा रही है।
विरोधस्वरूप संघ एक सप्ताह के क्रमिक अनशन पर बैठ गया है। यदि एक सप्ताह में सरकार उनकी मांगे नही मानती है तो वह आमरण अनशन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।