हिमाचल प्रदेश सरकार या फ़िर कहे अधिकारियों ने ओवरलोडिंग पर चालान के आदेश तो जारी कर दिए… लेकिन ये आदेश अब सरकार और अधिकारियों के गले का फांस बन गए हैं। आदेशों के मुताबिक बसों के ड्राइवर-कंडक्टर स्कूल कॉलेज के बच्चों औऱ कई सवारियों को बसों में नहीं बिठा रहे जिसका सारा नुकसान सिर्फ और सिर्फ यात्रियों को झेलना पड़ रहा है।
कुल्लू में आए दिन स्कूली छात्र स्कूल में हाजिरी दर्ज कराने के बजाए सड़कों पर एटेंडेंस लगा रहे हैं। इस कड़ी में शुक्रवार को शिमला के ढली में बस परिचालक ने कॉलेज के छात्रों को बस से उतार दिया। गुस्साए छात्रों ने मौके पर चक्का जाम कर दिया और बस के आगे लेट गए। सड़क पर इस बवाल का जहां सवारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं निगम और प्राइवेट बस के चालक परिचालक भी सरकार की नाकामियों को शिकार हो रही है।
सरकार और अधिकारियों के आदेशों ने यात्रियों और कंडक्टरों को लड़ने पर मजबूर कर दिया है। हैरानी की बात तो ये भी कि मौजूदा सरकार में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर भी इस बात को मान रहे हैं कि इतनी सख़्ती की ज़रूरत नहीं थी। बिना सरकार के पूछे अधिकारियों ने आदेश जारी कर दिये। ग़ौर करने वाली बात तो ये है कि सरकार भी इस बारे में हल निकालने में फ़ेल साबित हो रही है। ओवरलोडिंग ग़लत है… इस बात में तो कोई दो राय नहीं है। लेकिन अग़र आदेश जारी हो चुके हैं तो सरकार और उनके अधिकारियों को उसका समाधान निकालना चाहिए।