हिमाचल प्रदेश 50 हज़ार करोड़ के कर्जे तले दबा हुआ है। लेकिन इसकी परवाह किसे है। मुख्यमंत्री की महंगी कार के बाद ऊर्जा मंत्री के पास भी 35 लाख की कार आ गई है। ये कार उन्हें करोड़ों के घाटे ओर चल रहे उनके अपने विभाग से मिली है।
जिस पर कई सवाल उठ रहे है। जो सरकार हिमाचल के घाटे का ठीकरा पिछली सरकार पर फोड़ती रही सत्ता में बैठते ही उसी राह पर चल पड़ी है। मंत्रियों के आलीशान रहन सहन का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। सूचना तो ये भी है कि सरकार के ओर मंत्री भी लक्सरी महंगी कार लेने की ख्वाहिश पाले बैठे है। उनके लिए भी ऐसी गाड़ियां लेने की तैयारी हो रही है।
सरकारी गाड़ियों का हो रहा दुरुपयोग, पत्रकारों से लेकर अफसरों के परिवार ढोए जा रहे है सरकारी गाड़ियों में
इतना ही नही सरकारी गाड़ियों का शिमला में जमकर दुरुपयोग भी हो रहा है। सरकारी गाड़ियों में अफसरों से लेकर पीओनी तक के परिवार ढोए जा रहे है। सूचना एवम लोक संपर्क विभाग की गाड़ियों का भी यही हाल है जिनमें कुछ पत्रकार अपना कब्जा जमाए बैठे है और इन्ही गाड़ियों से अपना धंधा चला रहे है।
जिनकी आड़ में कुछ कर्मी और ड्राइवर अपने निज़ी कामों के लिए भी इन गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे है। विभाग की गाड़ियां जरूरत के समय पर उपलब्ध नही हो रही है। जिससे कुछ अफ़सर परेशान है लेकिन जिसकी चलती है उसकी क्या गलती है।