हिमाचल प्रदेश के महाविद्यालयों में पढ़ाई ऑनलाइन हो सकती है तो परीक्षाएं ऑनलाइन क्यों नहीं हो सकती है। हिमाचल में कॉलेज के विद्यार्थियों का टीकाकरण नहीं हो पाया है। छात्रों का पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पाया है। ग्रामीण विद्यार्थियों के मोबाइल में सिग्नल नहीं होता है ऐसे में उनकी पढ़ाई ढंग से नहीं हो पाई है। बावजूद इसके प्रदेश में 1 जुलाई से कॉलेज परीक्षाओं को करवाने का निर्णय लिया गया है, जो गलत है। सरकार या तो विद्यार्थियों को प्रमोट किया जाए या फिर ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित करवाई जाएं।
ये मांग शिमला में युवा कांग्रेस और NSUI ने सयुंक्त पत्रकार वार्ता में उठाई है। युवा कांग्रेस के अध्यक्ष निगम भंडारी ने सरकार को चेतावनी दी है कि वह विद्यार्थियों की मांगों को लेकर आज से दो दिन का अनशन करने जा रहे है। इसके बावजूद सरकार अड़ी रही तो वह सड़कों पर उतरेंगे और बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे। क्योंकि कोरोना की तीसरी लहर के ख़तरे के बीच परीक्षाएं करवाना किसी तरह की समझदारी नहीं है।