धर्मशाला के तपोवन में सत्र होने के सवालों पर अब पूरी तरह से लगाम लग गया है। शीतकालीन सत्र के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष ने साफ कर दिया है कि यहां सत्र को बंद नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्र यहां आगे भी जारी रहेगा, लेकिन इस जगह को अन्य समय में किसी और कार्य के लिए उपयोग किया जा सकता है।
वहीं, विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार सत्र बंद करने की बात को नहीं सोचे। क्योंकि इसके साथ कांगड़ा के लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं, इसलिए इस बंद नहीं किया जा सकता। उधर, विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने भी सभी अटकलों को सिरे से ख़ारिज कर दिया है।
ग़ौरतलब है कि धर्मशाला के तपोवन में शीतकालीन सत्र होता है, जिसे सिर्फ कुछ दिनों के लिए ही खोला जाता है। सत्र के दौरान इसे खोलने पर करोड़ों का खर्च होता है, जो कि मीडिया की सुर्खियों में रह चुका है। यहां तक कि 2017 में इसे सफेद हाथी भी करार दिया गया था और विपक्ष ने इसी साल जनवरी में हुए शीतकालीन सत्र के दौरान इसके खर्च पर कई सवाल भी उठाए थे।