शीतकालीन सत्र में शुक्रवार के दिन 5 बिल पारित हुए, जिनमें अहम रूप से नशे को लेकर सख़्त कानून का विधेयक पारित किया गया। हालांकि, इसको केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने का बाद लागू किया जाएगा, लेकिन सदन में इसे पारित कर दिया गया है। सरकार के इस प्रस्ताव पर विपक्ष ने सहमति जताई औऱ सिंथेटिक ड्रग, चिट्टे के खिलाफ कड़ी कदम उठाने पर बल दिया। वहीं, कॉमरेड राकेश सिंघा ने कहा कि सिंथेटिक ड्रग और चिट्टे के लिए अलग कानून बने।
इस बिल के पारित होने के बीच कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ने भांग की खेती को लीगल करने की मांग उठाई। भांग की खेती को दवाई के रूप में इस्तेमाल करने की भी मांग रखी गई, जिसपर कुछ कड़े कदम भी उठाए जाएंगे। इसके तहत नशे के सौदागर पकड़ में लिए जाएंगे, यदि इसकी ग़लत इस्तेमाल किया जाता है तो।
नशे के खिलाफ कानून पर बोले CM
इस चर्चा का जबाब देते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बताया कि आज समाज के सामने ऐसी परिस्थिति आ गई है कि इस तरह का बिल लाना ज़रूरी है। क़ानून हमारे पास है लेकिन उसका डर नहीं बचा है। जो गुंजाइश क़ानून में रह गई है उसको पूरा करने की कोशिश की गई है। अब ज़मानत देने से पूर्व सरकारी वकील को सुनकर कोर्ट अपना फ़ैसला देगा। 10 ग्राम तक के नशे के मिलने की सूरत में कम से कम छः माह की क़ैद का प्रावधान है। इस कानून को केन्द्र भेजना पड़ेगा उसके बाद लागू होगा। क़ानून के सख़्त प्रावधान से नशे के सौदागरों में खौफ़ होगा।
ये रहे बाकी बिल…
- हिमाचल प्रदेश गोवंश संरक्षण और संवर्धन विधेयक पारित। इसके तहत राज्य में गायों के परिक्षण, संरक्षण और उनके कल्याण के लिए गो सेवा आयोग की जाएगी।
- हिमाचल प्रदेश निक्षेपकों के हित का संरक्षण संशोधन विधेयक भी सदन में पारित। इससे चिट फण्ड जैसे धोखाधड़ी करने वालों पर नकेल लगेगी। इसमें दोषियों को अग्रिम ज़मानत नहीं मिलेगी।
- हिमाचल प्रदेश राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद विधेयक 2018 पुन: स्थापित किया गया।
- मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के प्रस्ताव पर हिमाचल मॉल और सेवा कर विधेयक पारित। इसके तहत अब 10 लाख की जगह 20 लाख की लिमिट की गई है जो व्यापारियों के लिए लाभदायक होगा। सदन में 75 लाख की लिमिट को भी एक करोड़ करने की मांग उठी।