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हिमाचल: CM से मिला जिला परिषद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष संघ, मानदेय बढ़ाने के साथ-साथ रखी ये मांगें

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धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश जिला परिषद चेयरपर्सन और वाईस चेयरपर्सन संघ ने गुरुवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा । उन्होंने मांग की है कि पंचायती राज संस्थाओं के लिए राज्य वित्तायोग से अलग से बजट का प्रावधान किया जाए । साथ ही बजट का कुछ भाग जिला परिषद् की स्थाई सम्पत्तियों के निर्माण के लिए अनिवार्य किया जाए। जिला परिषद चेयरपर्सन, वाईस चेयरपर्सन और जिला परिषद् सदस्य के लिए ऐच्छिक निधि का प्रावधान किया जाए।

हिमाचल प्रदेश जिला परिषद के चैयरमेन ओपी शर्मा ने कहा कि विधायक प्राथमिकता की तर्ज पर जिला परिषद् प्राथमिकता का प्रावधान किया जाए। जिला परिषद वाईस चेयरपर्सन और सदस्यों के लिए सरकार द्वारा तय टैक्सी दरों अनुसार यात्रा भत्ते का प्रावधान किया जाए। उन्होंने कहा की जिला परिषद् के अधीन कार्यरत पंचायत सचिवों तकनीकी सहायकों और ग्राम रोजगार सेवकों के स्थानांतरण / पोस्टिंग का अधिकार जिला परिषद् सदन को दिया जाए।

इसके अतिरिक्त इनके जॉब चार्ट में मनरेगा के अलावा जिला परिषद् द्वारा करवाने जाने वाले विकास कार्यों को भी अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। जिला परिषद सदन को जिला स्तर के अधिकारियों के बैठकों में उपस्थित न होने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का प्रावधान किया जाए। जिला परिषद् सदस्यों को मनरेगा का शेल्फ जिला परिषद् सदन में सम्मिलित करवाने का प्रावधान किया जाए। पंचायती राज संस्थाओं में लिपिकीय एवं तकनीकी कर्मचारियों की कमी है। कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरा जाए तथा नए पद सृजित किए जाएं।

जिलापरिषद संघ ने मांग की है कि 15वें वित्तायोग में जिला परिषद् के लिए कम से कम 30 प्रतिशत अंश का प्रावधान किया जाए। 15वें वित्तायोग के अन्तर्गत प्रदान किए जा रहे अनुदान में टाईड और अनटाईड की शर्त को हटाया जाए। जिला परिषद् के लिए विकास कार्यों हेतु प्राप्त अनुदान राशि को ग्राम पंचायत के अलावा किसी अन्य गैर सरकारी पंजीकृत संस्था को भी कार्यन्वयन करने का प्रावधान किया जाए। पंचायती राज संस्थाओं के जन-प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ौतरी की जाए। पंचायती राज संस्थाओं के जन-प्रतिनिधियों के लिए पैंशन का प्रावधान किया जाए।