26 फ़रबरी को हिमाचल विधानसभा में हुए हंगामे के बाद से सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है। सत्र के पांचवे दिन पांच निलंबित सदस्यों सहित समूचा विपक्ष सदन में नहीं गया और सदन के बाहर मौन बैठा रहा। अभी तक सदन से गैरहाजिर रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी कांग्रेस पार्टी के धरने में पहुंचे। करीब एक घंटे तक विपक्ष के साथ मौन बैठने के बाद गेट के बाहर से ही वीरभद्र सिंह वापस अपने निवास स्थान हॉलीलॉज लौट गए।
मीडिया से बातचीत करते हुए वीरभद्र सिंह ने कहा कि वह 6 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। यदि वह मुख्यमंत्री होते तो एक घंटे में मामले को सुलझा देते। मुख्यमंत्री जयराम सरकार चाहे तो 5 मिनट में मसले को हल कर सकती है लेकिन सरकार की इच्छाशक्ति ही नहीं है। हिमाचल के बजट इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है कि विपक्ष के बिना बजट पेश हुआ है। 6 मार्च को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बजट पेश करेंगे। विपक्ष को इतना लंबा विरोध नहीं करना चाहिए लेकिन सत्ता पक्ष यदि मामले को सुलझाना नहीं चाहता है तो विपक्ष को मज़बूर होकर विरोध करना पड़ेगा।