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ठाकुर रूप सिंह की अनदेखी बीजेपी को पड़ सकती है भारी !

सचिन शर्मा |

राम स्वरुप शर्मा के नामांकन में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वन मंत्री ठाकुर रूप सिंह को दरकिनार किया गया। उन्हें पार्टी द्वारा नामांकन के लिए सुचना तक नहीं दी गई। जिससे जिला बीजेपी में एक बार फिर से गुटबाजी देखने को मिली है। वहीं जब इस बारे में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और ठाकुर रूप सिंह से मंडी न पहुंचने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें राम स्वरूप के नामांकन के बारे में पार्टी द्वारा कोई भी सुचना नहीं दी गई थी। देर रात जब वह शिमला में थे तो प्रत्याशी राम स्वरुप शर्मा का औपचारिकता मात्र के लिए फोन जरूर आया था। लेकिन बीजेपी संग़ठन द्वारा कोई भी जानकारी और न्यौता नहीं दिया गया था।

यहां बता दें कि ठाकुर रूप सिंह सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रो में व्यापक जनाधार है । वह सुंदरनगर विधानसभा से 6 बार विधायक और प्रदेश सरकार में 3 बार मंत्री रह चुके हैं। पहले भी गुटबाजी के चलते जब विधानसभा चुनावो में उनका टिकट काट दिया गया था तो उनके द्वारा आजाद खड़े होने के चलते पार्टी को सीट हारनी पड़ी थी । जिस पर पार्टी ने उन्हें बाहर कर दिया था। लेकिन पिछले लोकसभा चुनावो में उनकी अहमियत को देखते हुए पार्टी हाईकमान के आदेश पर प्रत्याशी राम स्वरुप उन्हें मनाने के लिए तीन दिन तक सुंदरनगर में ही डटे रहे थे और उन्हें भारी समर्थकों सहित पार्टी में वापिस लेना पड़ा।

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वहीं गत विधानसभा चुनावों में भी पार्टी द्वारा गुटबाजी के चलते एक बार फिर टिकट न दिया तो उनके समर्थक बगावत पर उत्तर आए थे। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के दखल और रूप सिंह ठाकुर के मान सम्मान का पूरा आश्वाशन पाने पर ही शांत हुए थे। लेकिन चुनावो के उपरांत एक बार फिर से उनकी अनदेखी की गई है। जो बीजेपी प्रत्याशी पर भारी पड़ती दिख रही है। रूप सिंह की अनदेखी और मान सम्मान न मिलने से उनके समर्थको में भी पार्टी के खिलाफ काफी गुस्सा पनप चूका है।