रुपये की गिरती कीमत और महंगे होते आयात के बीच देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खुशखबरी है। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से लेकर जून तक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 8.2 फीसदी बढ़ा है। मैन्यूफैक्चरिंग और फार्म सेक्टर के बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से ऐसा मुमकिन हुआ है। यह पिछली 15 तिमाहियों में सबसे ऊंची विकास दर है। शुक्रवार को सरकार ने जीडीपी के आंकड़े जारी किए।
इससे पहले 2014-15 की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी सर्वाधिक रही थी। उस दौरान जीडीपी की वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत रही थी।
पिछली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 7.7 प्रतिशत थी। जबकि उसके पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5.59 फीसदी थी। मैन्यूफैक्चरिंग, गैस, वाटर सप्लाई, इलेकट्रिसिटी और दूसरी यूटिलिटी सर्विसेज, कंस्ट्रक्शन, डिफेंस समेत अन्य सवाओं ने 7 फीसदी से ज्यादा ग्रोथ दर्ज किया है।
लगातार कदम दर कदम बढ़ती जीडीपी को अर्थिक जानकार देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत मान रहे हैं। क्योंकि, ग्रोथ का ट्रेंड हर बार बढ़त की ओर ही रहा है।