हिमाचल प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी के अंदर सियासत पूरी तरीके से बदल गयी थी । बदले हालात में बीजेपी का एक धड़ा हासिये पर चला गया । लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद हालात थोड़े बदल गये । ये जगजाहिर है कि ये दूसरा धड़ा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का था । लेकिन, पहले तमाम बाधाओं को पार करते हुए अनुराग ठाकुर ने लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की । उसके बाद मोदी मंत्रीमंडल में उनको जगह भी मिली । इन सब के बावजूद बीजेपी के दूसरे धड़े को प्रदेश की सियासत में वैसा महत्व नहीं मिल रहा, जैसे अपेक्षा की जा सकती है ।
लेकिन अब लगता है कि क्रिकेट की सियासत के रास्ते प्रदेश की सियासत का गणित बदल सकता है । भारतीय क्रिकेट बोर्ड के चुनाव में जो हुआ उस से जरूर अब प्रदेश के नेताओं को हालात पर मंथन करना पड़ सकता है । इसका मुख्य कारण अमित शाह और अनुराग ठाकुर का आपसी तालमेल है । जिसके कारण अमित शाह के बेटे जय शाह संघ का सचिव बनना लगभग तय है । बस औपचारिकता बाकि है । इसके साथ ही अनुराग के भाई अरुण धूमल का भी संघ में खजांची के पद पर निर्वाचन लगभग तय है ।
अनुराग ठाकुर बीसीसीआई के अध्यक्ष रह चुके हैं और देश की क्रिकेट सियासत के बेहतरीन खिलाड़ी भी माने जाते है । ऐसे में कहा जा सकता कि अनुराग ने एक तीर से कई शिकार कर दिए है । जिसका असर उनके आने वाले वक्त में हिमाचल की सियासत पर जरुर नजर आयेगा ।