हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि जयराम सरकार ईमानदारी की बहुत बातें लोगों के बीच में जाकर करती जरूर है। लेकिन ऐसा अभी तक कोई भी ईमानदारी का उदाहरण इस सरकार से सामने नहीं आया है और जब किसी अधिकारी या राजनीतिज्ञ के ऊपर घोटाले के आरोप लगे हो और सरकार ने जांच करके उस व्यक्ति को दंडित किया हो, ऐसा कुछ नज़र नहीं आया। उन्होंने कहा कि कन्द्रौर से हमीरपुर तक नेशनल हाईवे 88 को लेकर करीब 280 करोड़ रूपये के घोटाले की बात उजागर हुई है। जिसमें की घटिया सामग्री का उपयोग और सड़क ठिक करने के मामले को इस तरह से किया गया है कि आज नई सड़क बनी और 15 दिन के भीतर ही वहां पर पैच वर्क का काम शुरू कैसे हो गया।
इस सरकार में सड़कों की पहले ही हालत दयनीय है ऊपर से जो काम हो रहे हैं उनकी क्वालिटी इतनी घटिया हो रही है कि सरकार सीधे-सीधे अधिकारी और ठेकेदार से मिलकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। लेकिन ईमानदार जयराम सरकार आंखें मूंदकर बैठी हुई है। अब जब यह घोटाला सामने आया है तो इसकी जांच होनी चाहिए और क्योंकि यह विभाग खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अधिकार क्षेत्र में है। तो हमारा यह मानना है कि निष्पक्षता से जांच होगी और आने वाले कुछ दिनों के भीतर ही हम इस मामले में यह भी देखेंगे कि दोषियों को लेकर सरकार बचाने का काम करती हैं या फिर असलियत सामने लाने का काम करती है। बताते चलें कि पिछले कुछ दिनों से नेशनल हाईवे 88 को लेकर घोटाले की चर्चा जोरों से चल रही है और इस मामले में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के रीजनल हैड विपनेश शर्मा ने भी चीफ इंजीनियर को अधिकारियों के खिलाफ जांच की बात कह दी है। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार इस मामले में सभी वर्ग के अधिकारियों के ऊपर अगर सरकार गंभीरता से जांच करेगी तो गाज गिरना तय माना जा रहा है।
सारे मामले को लेकर एक्शन जगदीश का कहना है कि जहां-जहां से भी थोड़ी बहुत टैरिंग खराब है उसको पैच वर्क के माध्यम से ठीक किया जा रहा है। इतना ही नहीं इन दिनों एक और बात चर्चा में है कि सड़क के बीचो बीच लगने वाले स्टेड भी अंडर टेबल नेशनल हाईवे वालों ने किए थे। जिसको लेकर कोई कागजी कार्रवाई नहीं हुई और इसमें भी करीब 2 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। अब कांग्रेसी नेता को सरकार को घेरने का मौका मिल गया है। ऐसे में ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर सरकार ईमानदार होती तो इस तरह के घोटाले शायद कहीं भी नजर नहीं आते लेकिन इतना बड़ा घोटाला विभाग और सरकार की आंखों के सामने हो गया लेकिन किसी को पता तक नहीं चला यह खुद में बताता है कि कितनी बड़ी मिलीभगत सरकार की अधिकारियों और ठेकेदारों के साथ चल रही है और हम इस मामले की जुडि जांच की मांग भी करते हैं