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वीरभद्र और धूमल के मुकाबले जयराम ठाकुर कितने लोकप्रिय? पढ़िए जनता की राय

नवनीत बत्ता, हमीरपुर |

हिमाचल प्रदेश ने काफी अर्से बाद एक नए चेहरे को बतौर मुख्यमंत्री के रूप में देखा है। लोग धीरे-धीरे उनके काम करने के तौर-तरीकों से वाकिफ होने लगे हैं। यही वजह है कि प्रदेश के पिछले 5 मुख्यमंत्रियों की कार्यशैली और व्यक्तिव की तुलना सूबे के नए मुख्यमंत्री के साथ होने लगी है।

सरकार के बने हुए 3 महीने पूरे होने के बाद प्रदेश की जनता ने अपना ओपिनियन देना शुरू कर दिया है। हाल के दौर की बात करें तो पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल के साथ लोग जयराम ठाकुर को परखने की कोशिश कर रहे हैं। इन दोनों नेताओं की तुलना में प्रदेश की जनता क्या विचार रखती है, समाचार फर्स्ट ने यह जानने की कोशिश की। आम आदमी ,मीडिया से जुड़े लोग, सरकारी कर्मचारी, किसान व बागवान और व्यापारी वर्ग ने अपने विचार इस संदर्भ में साझा किए। लोगों के जवाब भी खासे आकर्षक रहे।

संघ से जुड़े एक मतदाता का कहना था कि इस समय हिमाचल मैं 4 फोर्सेज काम कर रही हैं,  जिनमें संघ ,विद्यार्थी परिषद, जेपी नड्डा और धूमल हैं। इन सबके बीच जय राम ठाकुर अपनी अलग पहचान बनाते हुए दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, प्रदेश में पूर्व नेताओं की तरह निजी छवि को बड़े फलक पर उतारना सीएम जयराम ठाकुर के लिए बड़ी चुनौती है। प्रदेश में वही कामयाब मुख्यमंत्री रहा है, जिसके समर्थक राज्य के हर जगह रहे हों।
 
शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े एक शख़्स का कहना था कि जयराम ठाकुर के कुछ निर्णय सही हैं। उनकी कार्यशैली की परतें अभी धीरे-धीरे खुलकर सामने आ रही हैं। आगे क्या करना है वह बोल नहीं रहे हैं, लेकिन साथ ही साथ काम की गति अब रफ्तार पकड़ती दिखाई दे रही है। जयराम ठाकुर को थोड़ा वोकल होना चाहिए, ताकि जनता उनसे कनेक्टेड फिल करे।
 
तुलनात्मक दृष्टिकोण में अधिकांश लोगों की फेहरिस्त ऐसी रही, जिन्होंने वीरभद्र सिंह की पॉलिटिक्स और उनकी कार्यशैली को जयराम ठाकुर से ऊपर रेट किया। हालांकि, फिर भी लग इस नए अनुभव को आजमाने की बात भी कर रहे थे। लोगों का कहना था कि राजा तो राजा ही है। लेकिन, जयराम ठाकुर जिस अंदाज में काम कर रहे हैं, उसका जनता समर्थन कर रही है। सबसे जरूरी है कि सीएम जयराम ठाकुर मंत्रालयों में भ्रष्टाचार और युवाओं के रोजगार की दिशा में कोई तुरंत और ठोस कदम उठाएं।
 
चूंकि हिमाचल के टूरिस्ट प्रधान प्रदेश भी है। लिहाजा, टूरिस्टों का भी मत मायने रखता है। सैलानियों की बड़ी संख्या भी जयराम ठाकुर की तरफ देख रही है। इनका कहना है कि हिमाचल के पास स्वीट्जरलैंड और यूरोप के कई देशों की तरह टूरिस्ट आकर्षित करने का माद्दा है। जरूरी होगा कि प्रदेश सरकार इस पर काम करे। टूरिज्म सेक्टर में काम करने वाले पंकज शर्मा और गोविंद का मानना है कि पिछली सरकारों के मुख्यमंत्रियों ने टूरिज्म को लेकर वादे तो बहुत किए, लेकिन अमलीजामा नहीं पहना सके। जरूरी होगा कि जयराम ठाकुर सिर्फ घोषणा वाले मुख्यमंत्री ना बनें। बल्कि, इस सेक्टर में व्यापक स्तर पर आधारभूत स्ट्रक्चर खड़ा करें।
 
राजनीति पर चौकड़ी जमाने वालों के भी विचार अहम रहे। ख़ासकर व्यापारी समाज का संकेत मुख्यमंत्री के जनाधार पक्ष को लेकर था। इनका कहना था कि पहले के मुख्यमंत्रियों का अपने विधानसभा के अलावा प्रदेश हर क्षेत्र में जनाधार रहा है। हालांकि, मुख्यमंत्री को उनके विधानसभा क्षेत्र के अलावा प्रदेश की बाकी जनता अब समझ रही है। मगर, जरूरी होगा कि सीएम जयराम ठाकुर अपनी नीतियों और कार्यशैली से प्रदेश के हर क्षेत्र में अपना विश्वास कायम करें।
 
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अपने पद पर काम करते महज 3 महिने ही हुए हैं। जबकि, बाकी मुख्यमंत्रियों को प्रदेश की जनता ने एक लंबे और अल्टरनेट कार्यकाल को पूरा करते देखा है। जयराम ठाकुर की कार्यशैली और चुनौतियों से निपटने की खासियत वक्त के साथ ही पता चल पाएंगी।