हिमाचल प्रदेश में सीएम पद पर कौन काबिज होगा इस पर सस्पेंस लगातार बरकरार है। सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी हाईकमान और संघ के खांचे में सिराज से विधायक जयराम ठाकुर फिट बैठ रहे हैं। जयराम ठाकुर बुधवार को वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार धूमल से मिलने भी गए थे। इस मुलाकात को आशीर्वाद से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, धूमल की तरफ से लगातार कोशिश है कि सीएम पद किसी भी सूरत में अपने पाले में लाया जाए।
वीरवार को दिल्ली से आई परिवेक्षकों की टीम के सामने धूमल और जयराम समर्थकों ने अपने-अपने नेता को सीएम बनाने की जोरदार मांग की और जमकर नारेबाजी की। हालांकि, परिवेक्षकों ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हाईकमान जल्द ही ऐसे नेता को प्रदेश का नेतृत्व सौंपेगा जो ना सिर्फ प्रदेश को चलाए बल्कि 2019 में भी कारगर साबित हो।
परिवेक्षकों का उद्देश्य
जहां तक समाचार फर्स्ट को ख़बर मिल रही है। दिल्ली से आए परिवेक्षक दो-तीन सवालों के साथ शिमला आए हैं। इनका असल मकसद टोह लेना है। हाईकमान अपनी तरफ से नाम का आंकलन कर चुका है, लेकिन वर्तमान में जीते हुए विधायकों का क्या मूड है यह टोटलने की जिज्ञासा है। यही वजह है कि चंद सवालों के साथ परिवेक्षक शिमला में बैठक किए। इस दौरान स्थायी और मजबूत नेतृत्व को लेकर मंथन हुआ।
ये बीजेपी है सरप्राइज भी देती है
अभी तक कई राज्यों के चुनावों में देखा गया है कि मीडिया के आंकलन के विपरीत बीजेपी ने संंबंधित प्रदेशों में नेतृत्व की घोषणा की है। हिमाचल प्रदेश में भी अगर ऐसा हो जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। हालांकि, अभी तक सीएम रेस में देखा जाए तो जयराम ठाकुर का दबदबा ज्यादा है। इसके दो महत्वपूर्ण वजहें हैं-
- जेपी नड्डा के करीबी
- प्रेम कुमार धूमल का चुनाव हारना
- शांता जैसे वरिष्ठ नेताओं का नए चेहरों से लगाव
इनमें सबसे अहम है कि प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार चुके हैं। लिहाजा, तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी दावेदारी कमजोर है। साथ ही साथ प्रदेश के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने भी साफ कर दिया है कि प्रदेश के नए चेहरो को नेतृत्व का मौका दिया जाना चाहिए। इसके अलावा सबसे अहम बात है कि नड्डा कैंप की क्या हैसियत है यह सभी जानते हैं और जयराम ठाकुर की जेपी नड्डा से काफी बनती है।
धूमल के लिए सीट छोड़ने वाले नेताओं को फटकार
ख़बर तो यह भी है कि धूमल के लिए जिन नेताओं ने सीट छोड़ने का ऐलान किया था, उन्हें संघ की फटकार सुननी पड़ी है। वीरवार को शिमला में वीरेंद्र कंवर, कर्नल इंदर सिंह और सुखराम चौधरी को संघ ने दो टुक चेतावनी दे दी है। हालांकि, इसके अलावा और क्या तथ्य थे यह सामने नहीं आ सका है।
माना जा रहा है कि हिमाचल के नए सीएम का ऐलान बीजेपी कोर कमेटी की बैठक के बाद हो सकता है। लेकिन, तब तक अटकलों का बाजार अपने-अपने हिसाब से गर्म ही रहने वाला है।