जयराम सरकार ने KCC बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया है। बोर्ड के भंग होने से जगदीश सिपहिया का चेयरमैन पद भी छीन गया है। बोर्ड मेंबरों के दफ्तरों में लगे नेम-पेल्ट भी हटा दिए गए हैं।
प्रदेश सरकार ने केसीसी बैंक में बड़े पैमाने पर लग रहे अनियमितताओं के आरोप के बाद यह फैसला लिया है। इस दौरान जब तक नए बोर्ड के गठन का ऐलान नहीं हो जाता, तब तक कांगड़ा के जिलाधीश ही बैंंक बोर्ड के प्रबंधन का जिम्मा संभालेंगे। सरकार ने पुराने बोर्ड के सदस्यों को आरोपों के मद्देनज़र 30 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए भी कहा है।
सरकार की इस कार्रवाई को पूर्व चेयरमैन जगदीश सिपहिया ने हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। सिपहिया का कहना है कि उन्हें इस मामले में कोई भी नोटिस नहीं मिला है। इस तरह बोर्ड भंग करना लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री मामले में सीबीआई जांच की बात कह रहे हैं, अच्छा होगा मामले की जांच सीबीआई से करवा लें।
इस बाबत समाचार फर्स्ट ने मामले में केसीसी बैंक के एमडी पीसी अकेला से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मामले में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।